रायपुर. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा है कि नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत पर कांग्रेस द्वारा भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का आरोप मढ़ना समझ से परे है. भाजपा ने कहा कि कांग्रेस को अपने राजनीतिक पराभव के इस निम्नतम स्तर तक पहुंचने के बाद भी इस बात का मलाल नहीं है कि वह लगातार दूसरी बार दिल्ली विधानसभा में शून्य पर टिकी है और 50 प्रतिशत तक मत लेकर 15 वर्षों तक दिल्ली में शासन करने वाली कांग्रेस आज अपने 63 उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने और महज चार फीसदी वोट लेकर बेगानी शादी में दीवाने अब्दुल्ला की तरह बगलें बजाकर नाच रही है. पराजय से ज्यादा शर्मनाक राजनीतिक प्रदर्शन तो कांग्रेस अब कर रही है.

भाजपा प्रवक्ता उपासने ने कहा कि रास्वसं व भाजपा पर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाने से पहले कांग्रेस को अपना गिरेबाँ झांकने की जरूरत है. जिस पार्टी ने 60 वर्षों तक देश पर शासन किया, वह राजनीतिक आत्महत्या की कीमत पर भाजपा को रोकने की जिस रणनीति पर काम कर रही थी, उसका ही यह नतीजा है कि आप आज दिल्ली में जीत का जश्न मना रही है. साम्प्रदायिक तुष्टिकरण की राजनीति करके भाजपा को रोकने की रणनीति के तहत कांग्रेस दिल्ली के चुनावी दंगल में पीछे हटी और आंकड़े व तथ्य इस बात का साफ संकेत कर रहे हैं कि मुस्लिम वोटों के साथ ही कांग्रेस के मतदाता भी आप की ओर झुक गए. शायद इसलिए दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष शमीष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस नेता पी चितम्बरम के ट्वीट का जवाब देते हुए पूछा है कि क्या कांग्रेस को अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए?

उपासने ने कहा कि भाजपा का मतदाता तो डटा रहा लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस के वोट आपा को ट्रांसफर करवाए. कांग्रेस शुरू से ही वहाँ आपा की पिछलग्गू बनकर चुनाव मैदान में महज इसलिए मौजूद थी कि उसकी मौजूदगी से आपा को फायदा पहुंचता. राजनीतिक विश्लेषक भी मान रहे हैं कि कांग्रेस यदि राजनीतिक ईमानदारी के साथ चुनाव लड़ती तो आप को नुकसान होता और भाजपा की सम्भावना बढ़ने के साथ-साथ कांग्रेस भी राजनीति के मैदान में ताकत के साथ फिर खड़ी होती. लेकिन भाजपा को रोकने के लिये कांग्रेस ने अपने वर्षों के राजनीतिक प्रभुत्व को दांव पर लगाकर आने वाले कई वर्षों तक के लिये अपनी सम्भावनाओं को खत्म कर दिया.

भाजपा प्रवक्त उपासने ने कहा कि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक अस्तित्व को दांव पर लगाकर जिस विचारहीन नेतृत्व का परिचय दिया है, वह उसका अपना अन्दरूनी मामला है लेकिन अपनी राजनीतिक विफलता को ढंकने की शर्मनाक कोशिश करके भाजपा को साम्प्रदायिक धु्रवीकरण के लिये आरोपित करना पूरी तरह गलत है और भाजपा कांग्रेस के इस मत को सिरे से खारिज करती है. उपासने ने कहा कि भाजपा देश के मतदाताओं को खांचों में बांटकर उनके राजनीतिक इस्तेमाल में विश्वास नहीं रखती. देश का हर नागरिक, हर मतदाता भाजपा के लिये सबसे पहले भारतीय है और भारतीय होने के नाते हर नागरिक के लोकतान्त्रिक अधिकारों के विवेकसम्मत प्रयोग व निर्णय की रक्षा भाजपा अपना राजनीतिक दायित्व मानती है.

उपासने ने कहा कि टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े होकर, अर्बन नक्सलियों को मदद पहुंचाकर कौन अलगाववादी-आतंकवादी ताकतों को मजबूत करने वाली पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है, यह पूरा देश देख रहा है और समझ भी रहा है. साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की जो गन्दी तस्वीर दिल्ली में कांग्रेस और आआपा समेत शेष विपक्ष ने पेश की है, कांग्रेस अब खुद को इस नकाब के उतरने से बचाने की हास्यास्पद कोशिशों में जुटी हुई है.