रायपुर. तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में इनोवेशन और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए 2018 में मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के इनोवेशन सेल के द्वारा इंस्टीट्यूशन्स इनोवेशन कॉउन्सिल प्रोग्राम, आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के साथ मिलकर चलाया जा रहा है. इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य तकनीकी संस्थाओं में स्टार्टअप, इनोवेशन, पेटेंट्स और रिसर्च के लिए छात्रों को प्रेरित करना है, इसके लिए IIC के द्वारा इनोवेशन अम्बेस्डर प्रोग्राम, इम्पैक्ट लेक्चर सेशन, इनोवेशन कांटेस्ट और मेंटर-मेंटी प्रोग्राम चलाया जाता है, जिससे नवाचार और उद्यमिता के कल्चर को संस्थाओ में स्थापित किया जा सके.

शंकराचार्य रायपुर भी अपनी इसी सोच के कारण आज इस मुकाम पर है, संस्था अपनी पिछली रैंकिंग को पीछे छोड़ते हुआ आज IIC की अपनी टॉप रैंकिंग (4 स्टार) पर है और संस्था का अगला लक्ष्य 5 स्टार है. जो की IIC की उच्चतम रैंकिंग को प्राप्त करना है. इसके लिए मुख्य रूप से कॉलेज में एक अलग सेल और पूरी टीम बनाईं गई है. प्रो. रिजु भट्टाचार्य जो की संस्था के IIC संयोजक है.

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IIC द्वारा दिए गए टास्क को संस्था में इम्प्लीमेंट कराते है, संस्था ने हमेशा से ही छात्रों को इनोवेशन रिसर्च और स्टार्टअप के लिए प्रेरित किया है. उसी का नतीजा है कि आज संस्था के पास अपने 12 पेटेंट्स, 6 स्टार्टअप्स और कई रिसर्च पेपर्स है. कोरोना कॉल में जब दुनिया रुक सी गआ थी, तब भी यहां के छात्रों और शिक्षकों ने सीमित संसाधनों के साथ कई तरह के इनोवेशन आटोमेटिक सेनेटाईजिंग टनल, इलेक्ट्रिक बाइक, होम ऑटोमेशन, 3डी प्रिंटर जैसे कई संस्था के चेयरमैन (बीजी) निशांत त्रिपाठी ने बताया की जब AICTE ने आईडिया लैब के लिए पूरे देश से 49 संस्थानों का चुना था. उसमे शंकराचार्य कॉलेज रायपुर भी शामिल था.

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यूजीसी सर्टिफिकेशन (NAAC) एआईसीटीई एक्रिडिटेशन (NBA) आरिया रैंकिंग (टॉप 50 इन बी बैंड) पाने वाला प्रदेश का एक मात्र संस्थान है. संस्था के IIC अध्यक्ष डॉ नवीन जैन ने कहा की यह सब इसलिए मुमकिन हुआ क्योंकि हमने एक रूटीन पढ़ाई से हटकर छात्रों के रिसर्च, इनोवेशन, स्टार्टअप के लिए एक इकोसिस्टम तैयार किया, उन्होंने एक सम्पूर्ण मार्गदर्शन के लिए प्राचार्य डॉ अलोक जैन का भी धन्यवाद किया.