रायपुर। छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ एक बार फिर बड़ा आंदोलन करने के मूड़ में नजर आ रहा है. अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे शिक्षाकर्मियों ने सरकार को 15 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. अल्टीमेटम देने के बाद यदि उनकी मांगों के सामने सरकार नहीं झुकती है तो एक बार फिर वे साल 2012 की तरह ही 20 नवंबर से एक बड़ा आंदोलन करेंगे.

 शिक्षाकर्मी सातवां वेतनमान और संविलियन जैसी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले कई सालों से लगातार आंदोलन करते आ रहे हैं. जिसके मद्देनजर राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के 146 तहसीलों में शिक्षाकर्मियों ने सांकेतिक रुप से धरना-प्रदर्शन किया. शिक्षाकर्मियों का कहना है कि सरकार सभी की मांगें पूरी कर रही है लेकिन वे पिछले 15 सालों से अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी सुन नहीं रही है. लिहाजा आज के आंदोलन के माध्यम से वे सरकार से मांगे मानने की अपील कर रहे हैं. इसके बावजूद सरकार मांग नहीं मानती है तो 20 नवंबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल में चले जाएंगे.

शिक्षाकर्मियों की ये है लंबित मांगे

समान कार्य हेतु समान वेतन के आधार पर समस्त शिक्षक (पं/न नि) संवर्ग का  संविलियन /शासकीयकरण.
क्रमोन्नति वेतनमान पर सातवाँ वेतनमान दिया जाए
समस्त शिक्षक संवर्ग के लिए दो स्तरीय क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान जारी किया जाए.
सहायक शिक्षक पं  को  व्याख्याता,शिक्षक के अंतर के अनुपात में समानुपातिक वेतनमान दिया जाए.
अप्रशिक्षित शिक्षक संवर्ग के लिए प्रशिक्षण की पूर्ण व्यवस्था करते हुवे, वर्तमान में उन्हें नियमित करते हुवे समयमान वेतनमान व पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ दिया जावे साथ ही वेतनमान कटौती न किया जाए.
केबिनेट निर्णय का पालन करते हुवे शिक्षक संवर्ग को वरिष्ठता के आधार पर प्राचार्य,प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति किया जाए.
व्याख्याता,व्यायाम शिक्षक,उर्दू शिक्षको के पदोन्नति के लिए प्रावधान बनाकर पद स्वीकृत किया जाए.
समग्र वेतन(मूल वेतन,महगाई भत्ता ) में सी पी एफ कटौती,व् 2004 के पूर्व नियुक्त शिक्षको की जी पी एफ कटौती किया जाए.
प्रदेश के अन्य कर्मचारियो व शिक्षको के समान शिक्षक प/ननि संवर्ग के लिए खुली स्थानांतरण नीति बनाया जाए.
टेट व डी एड के बिना अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान कर न्युनतम योग्यता के अभाव में चतुर्थ वर्ग पर भी अनुकम्पा नियुक्ति दिया जाए.