गणतंत्र दिवस पर हरियाणा सरकार ने फैसला लिया है कि 10 साल से ज्यादा समय से सजा काट रहे कैदियों को 3 महीने की छूट दी जाएगी. सरकार के इस फैसले को देखते हुए डेरा मुखी राम रहीम की 90 दिनों की सजा माफ कर दी गई है. अब सरकार के इस फैसला का विरोध भी होने लगा है. भाजपा ने इस फैसले का विरोध किया है.

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता परमबंस सिंह बंटी रोमाणा ने बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता कर पंजाब के भाजपा नेताओं पर सवालिया निशान खड़े किए हैं. उनका कहना है कि खुद को सिखों का बड़ा हितैषी बताने वाले भाजपा नेता सुनील जाखड़ और अश्वनी शर्मा इस मामले पर चुप क्यों है ? परमबंस का कहना है कि राम रहीम को लगातार पैरोल और फरलो दी जा रही है, लेकिन 28-30 साल से जेल में बंद राजोआणा और अन्य सिख कैदियों की रिहाई पर पंजाब के भाजपा नेता चुप बैठे हैं.

कैदियों को विशेष छूट

बता दें कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्य में आपराधिक अधिकार क्षेत्र के न्यायालयों द्वारा सुनाई गई सजा भुगत रहे कैदियों को 3 महीने की विशेष छूट दी जाएगी. जिन अपराधियों को आजीवन कारावास, 10 साल या उससे ज्यादा समय की सजा सुनाई गई है, उन्हें 90 दिन और जिन अपराधियों को पांच साल से ऊपर या 10 साल से कम की सजा सुनाई गई है, उन्हें 60 दिन की छूट दिए जाने का फैसला लिया गया है. वहीं पांच साल से कम की सजा वाले कैदियों को 30 दिन की छूट दी जाएगी.

पहले भी मिल चुकी पैरोल, टाइमिंग पर सवाल

बता दें कि इससे पहले भी 2022 में राम रहीम को सबसे ज्यादा कुल 91 दिनों तक पैरोल पर छोड़ा गया था. इनमें वो फरवरी में 21 दिनों तक पैरोल पर रहा, उस समय पंजाब में विधानसभा चुनाव होने थे. इसके बाद जून में 30 दिनों के लिए फिर से राम रहीम बाहर आया, तब हरियाणा में नगर पालिका चुनाव थे. इसके बाद अक्टूबर 2022 में फिर से 40 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आया और तब हरियाणा के आदमपुर और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले थे. अब पिछले पैरोल की तारीखों को देखा जाए तो ऐसे में इसकी टाइमिंग को लेकर सवाल उठना लाजमी है. लिहाजा इस पर भी सवाल उठ रहे हैं.

बाबा के लिए कानून बदला ?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हरियाणा सरकार ने पिछले साल अपने पैरोल से जुड़े कानून में भी बदलाव किया है. ऐसे में सवाल ये भी उठाए जाने लगे हैं कि कहीं सरकार ने जानबूझ कर राम रहीम को फायदा पहुंचाने के लिए तो अपने कानून में बदलाव नहीं किया है? बता दें कि पैरोल को लेकर 11 अप्रैल 2022 में हरियाणा सरकार ने एक नया कानून बनाया. जिसका नोटिफिकेशन 19 अप्रैल को जारी किया गया.