रायपुर। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय को चिट्ठी लिखकर अधिकृत की गई संस्थाओं-ट्रस्ट की जानकारी उपलब्ध कराने की मांग की थी. जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है. रमन सिंह ने कहा कि सवाल उठाने वाले को कांग्रेस विधायक अमितेष शुक्ल से प्रेरणा लेनी चाहिए.
पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि श्री राम मंदिर को लेकर यह कोई चंदा वसूली नहीं है. यह समर्पण राशि है. राम के प्रति कोई मंदिर निर्माण में समर्पण निधि देना चाहता है, तो इसमें दिक्कत क्या है ? गांव-गांव घूम-घूकर कार्यकर्ता समर्पण निधि इकठ्ठा कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत सवाल उठाने वाले लोगों को कांग्रेस विधायक अमितेष शुक्ल से प्रेरणा लेनी चाहिए. इन्होंने मंदिर निर्माण में एक लाख रुपए समर्पण निधि दी है. रमन सिंह ने ये भी कहा कि यदि अवैध वसूली हो रही है, तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.
राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट को सरकार द्वारा लिखी गई चिट्टी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले दिनों बिलासपुर में इस प्रकार की एफआईआर दर्ज कराई गई थी. साथ ही राज्यों से और भी शिकायतें मिल रही है. कुछ लोग फर्जी बुक छपा लिए है. उसके बाद चंदा उगाही कर रहे है. इसीलिए ट्रस्ट से हमने चिट्टी लिखकर जानकारी मांगी की छत्तीसगढ़ के लिए आपने किसको अधिकृत किया है. क्योंकि अनिधिकृत व्यक्ति चन्दा नहीं ले सकता है. आपने किसको अधिकृत किया है. ये जनता और सरकार दोनों को पता लग जाना चाहिए. इससे जो गलत कर रहा होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय को लिखी चिट्ठी में कहा है कि छत्तीसगढ़ में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए सहयोग करने की जन भावनाओं का दुरूपयोग करते हुए कुछ अवांछनीय व्यक्तियों, तत्वों, संस्थाओं द्वारा रसीद छपवाकर जनमानस से ठगी/ अवैध वसूली करने का कथित मामला सामने आया है. मुख्य सचिव ने बिलासपुर की घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि एक महिला द्वारा इस प्रकार की अवैध वसूली किए जाने पर उसके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है. अमिताभ जैन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट से अनुरोध किया है कि श्रीराम मंदिर निर्माण के ली जा रही सहयोग राशि के लिए अधिकृत व्यक्तियों, संस्थाओं या ट्रस्ट की जानकारी उपलब्ध कराई जाए. जिससे मंदिर निर्माण के नाम पर किए जा रहे अवैध वसूली पर रोक लगाई जा सके.