नई दिल्ली: 30 साल पुराने रोड रेज मामले में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को मामूली मारपीट का आरोपी पाया है. कोर्ट के फैसले के बाद सिद्धू को जेल नहीं जाना होगा. साथ ही एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की 3 साल की सजा को खारिज करते हुए सिद्धू की अपील को मंजूर कर दिया है. कोर्ट ने धारा-323 के तहत सिद्धू को दोषी करार देते हुए एक हजार के जुर्माना पर रिहा करने का आदेश दिया. नवजोत सिंह सिद्धू और उनके एक साथी रुपिंदर सिंह संधू पर सड़़क पर एक युवक के साथ मारपीट का आरोप है, जिसकी बाद में मौत हो गई थी.

नवजोत सिंह और रुपिंदर सिंह ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने नवजोत सिंह को तीन साल की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को इनकी याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ जज चेलेमेश्वर और संजय किशन कौल की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी.

सिद्धू ने याचिका में कहा था कि वह निर्दोष हैं, उन्हें फंसाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 24 अप्रैल तक लिखित जवाब दाखिल करने को कहा था. मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान सिद्धू की तरफ से कहा गया कि इस मामले में कोई भी गवाह खुद से सामने नहीं आया, जिन भी गवाहों के बयान दर्ज किए गए है उनको पुलिस सामने लाई थी. गवाहों के बयान विरोधाभासी है, जो भी मुख्य गवाह है उनके बयान एक दूसरे से अलग है.

ये था मामला

दरअसल ये मामला साल 1988 का है. सिद्धू का पटियाला में कार से जाते समय गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया. आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई और बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था.