कपिल/सुनील, शिवपुरी/भिंड। मध्यप्रदेश में लगातार बारिश होने से कई जिलों में बाढ़ आ चुकी है। नदी-नाले उफान पर हैं। सड़कें तालाब में तब्दील हो चुकी है। बाढ़ के कारण अब तक चार पुल टूट चुके हैं, जिसके कारण आवागमन भी ठप हो गया है। फसल बर्बाद हो जाने के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है।

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भिंड जिले में अमायन से रोन को जोड़ने वाला इंदुरखी पुल बाढ़ के कारण ताश के पत्तों की तरह बह गया, वहीं करीब पांच किलोमीटर की अडोखर से कछार रोड इंदुरखी पुल तक की सड़क पानी में पूरी तरीके से डूब गई है. सिंध नदी ने भिंड में बड़े स्तर पर तबाही मचाई है, खेतों की फसलें तो पूर्ण रूप से बर्बाद हो ही गई है। घरों में रखे अनाज सहित पशुधन का कितना नुकसान हुआ है, इसकी वास्तविक जानकारी प्रशासन के सर्वे में सामने आ पाएगी।

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अब तक बहे चार पुल

अनुमान है कि भिंड जिले की सिंध नदी द्वारा मचाई गई तबाही में हजारों करोड़ का लोगों का नुकसान सामने आ सकता है। सिंधु नदी की बाढ़ में बहने बाला चौथा पुल है।दतिया जिले में लांच पुल, रतनगढ़ पुल ओर सेंबड़ा पुल बाढ़ की बलि तीन दिन पहले ही चढ़ चुके थे। आज पुल से पानी उतरने के बाद भिंड का इंदुरखी पुल के बह जाने की पुष्टि हो गई है। बाढ़ में बहने वाला यह चौथा सिंधु नदी पर बना पुल है।

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शिवपुरी तहसील के कोटा-भगोरा क्षेत्र में भारी बारिश के बाद नदी-नाले भर चुके हैं, और उनका पानी बाहर आ चुका है। क्षेत्र में बर्बादी का मंजर देखने को मिल रहा है. सड़कें उखड़ गईं, घर तबाह हो चुके हैं. यहां तक खाने के लिए किसानों के घर में रखा अनाज भी बारिश में बह चुका है। अधिक बारिश के चलते मझेरा तालाब और चांदपाठा झील के ओवरफ्लो होने से नाले उफान पर है.

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