आज साल का पहला सूर्य ग्रहण है. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जिसमें सूर्य का बीच का हिस्सा पूरी तरह से चांद से ढक जाएगा और सूर्य की केवल बाहरी परत ही दिखाई देगी. इस दौरान सूर्य एक अंगूठी की तरह दिखाई देगा. क्योंकि भारत में ये ग्रहण दिखाई देगा इसलिए इसका सूतक काल भी माना जाएगा. यहां आप जानेंगे सूर्य के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.

वैज्ञानिक और ज्योतिष दोनों नजरिए से ग्रहण का विशेष महत्व होता है. वैज्ञानिक नजरिए से जहां ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है. वहीं धार्मिक द्दष्टि से ग्रहण अशुभ घटना मानी जाती है. 21 जून को लगने वाले वलयाकार सूर्य ग्रहण की शुरुआत करीब 10.20 AM से होने जा रही है. जिसका सूतक काल 20 जून की रात 09:52 बजे से लगेगा. लेकिन पूरे भारत में ये अलग-अलग समय दिखेगा. ग्रहण की पहली तस्वीर जम्मू कश्मीर से आई है.

ग्रहण काल और सूतक काल में भूल कर न करें ये काम

  •  ग्रहण के समय तेल लगाना, भोजन पकाना और खाना, सोना, बाल बनाना, संभोग करना, दांत साफ करना, कपड़े धोना, ताला खोलना आदि काम नहीं करने चाहिए.
  •  ग्रहण के समय कोशिश करें कि घर से बाहर न निकलें और न ही ग्रहण को देखें. खासकर गर्भवती महिलाएं इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें.
  •  मान्यता है कि ग्रहण के समय जो व्यक्ति जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक उसे नरक में वास कर पड़ता है. चंद्र ग्रहण में तीन प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए (1 प्रहर = 3 घंटे). बूढ़े, बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व खा सकते हैं.
  •  मान्यताओ के अनुसार गर्भवती महिला को ग्रहण और सूतक काल के समय सब्जी काटना, कपडे सिलना यानी किसी भी धारदार वस्तु का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. इससे होने वाले बच्चे को शारीरिक दोष होने की संभावना होती है.
  •  ग्रहण काल में भगवान की मूर्तियों को न तो छूना चाहिए और न ही पूजा पाठ करना चाहिए. ग्रहण का सूतक काल लगते ही कई मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं.
  •  ग्रहण के समय पत्ते, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ना चाहिए.

ग्रहण काल में जरूर क्या करें ये काम

  • ग्रहण काल में गुरु मंत्र का जाप, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सुंदरकांड का पाठ, तंत्र सिद्धी आदि कर सकते हैं.
  •  ग्रहण की समाप्ति के बाद पवित्र नदियों में या फिर घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए.
  •  सूतक काल लगने से पहले ही खाने-पीने की वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डालकर रख देने चाहिए.
  •  यदि घर में मंदिर है तो सूतक लगते ही उसे ढक देना चाहिए. मान्यता है कि ग्रहण के बाद दान-पुण्य करना चाहिए.