नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में लोकसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा को एक के बाद एक झटके मिल रहे हैं. अब भाजपा को एक और झटका दिया है योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के दामाद नवल किशोर ने. आज वे साइकिल पर चढ़ गए, यानि कि अपनी राजनीतिक नैया को पार लगाने के लिए उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वॉइन कर ली. अब यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सहारे वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को उड़ान देंगे.

 

नवल किशोर ने सपा मुख्यालय पर सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी का दामन थामा. नवल किशोर के अलावा बीएसपी के पूर्व विधायक इरशाद खान और पूर्व एमएलसी प्रदीप सिंह ने भी समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. पार्टी ज्वॉइन करने पर अखिलेश यादव ने तीनों नेताओं को गौतम बुद्ध की प्रतिमा देकर उनका स्वागत किया. इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसे बहुत से नेता हैं जो अपनी पार्टी छोड़कर सपा का दामन थामने वाले हैं.

इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा, ”यह हमारी पार्टी में आ रहे हैं. मगर हम इनको यहां नहीं, बल्कि सभा में शामिल कराएंगे.”  उन्होंने सीएम योगी से बीटीसी अभ्यर्थियों को रोजगार देने की बात कही. उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए हैं. ये भर्तियां हमारी सरकार ने की थीं. शायद यही कारण है कि इन्हें नियुक्ति पत्र योगी सरकार नहीं दे रही है. उन्होंने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार के एक साल 11 मार्च को पूरे हो गए थे और जनता ने 11 मार्च को ही भाजपा को रिटर्न गिफ्ट दे दिया.

आपको बता दें कि उपचुनाव नतीजों से ठीक पहले सपा के बड़े नेता नरेश अग्रवाल ने बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी. नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा ना भेजे जाने से नाराज हो कर ये कदम उठाया था.

वहीं पिछले तीन महीने के सियासी हालात को देखें, तो भाजपा और बसपा के कई नेता सपा में शामिल हुए हैं. भाजपा के पूर्व विधायक शम्‍भू चौधरी और नंद किशोर मिश्र, बसपा के पूर्व विधायक ताहिर हुसैन सिद्द‌ीकी और बसपा से जिलाध्यक्ष रहे तहसीन सिद्दीकी ने जनवरी में समाजवादी पार्टी का दामन थामा था.

फरवरी में स्वामी प्रसाद मौर्य के भतीजे प्रमोद मौर्य ने सपा का दामन थामा था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि भाजपा पिछड़े वर्ग की विरोधी है, बीजेपी सरकार में उनके समाज का शोषण हो रहा है. इसी कारण वो भाजपा छोड़ सपा में शामिल हो गए.

नवल किशोर 2016 में उस समय चर्चा में आए जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा से इस्तीफा दिया था. दरअसल, बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर आरोप लगाया था कि वो अपने दामाद नवल किशोर को विधानसभा का टिकट दिलाना चाहते थे और इसके लिए मना करने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.