छत्तीसगढ़ में क्या अब सपा का नारा ही ही अन्य पार्टियों के लिए भी यही नारा बनेगी। क्या सपा के साथ बाकी दल के लोग भी अब भाजपा हटाओ- छत्तीसगढ़ बचाओ का नारा लगाएंगे ? ये सवाल दो दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ पहुँचे सपा विधायक ने अपने बयान के साथ खड़े कर दिए हैं।

दरअसल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तैयारी प्रदेश के भीतर भाजपा, कांग्रेस और जोगी कांग्रेस के साथ स्थानीय पार्टियां तो कर रही है। यूपी से निकलकर समाजवादी पार्टी की तैयारी भी शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ में समाजवादी पार्टी को विस्तार देने यूपी विधान परिषद के सदस्य डॉ. राजपाल कश्यप दो दिवसीय दौरे पर हैं। उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय संगठन के कुछ सदस्य भी। सपा विधायक प्रदेश में पार्टी के काम-काज की दो दिनों तक समीक्षा करेंगे, कार्यकर्ताओं प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी लेंगे। साथ ही 15 अप्रेल से शुरू हो रहे सदस्या अभियान की रूपरेखा भी बनाएंगे।

सपा विधायक डॉ. राजपाल ने लल्लूराम से कहा कि प्रदेश में आदिवासियों पर जुल्म हो रहा, भ्रष्टाचार का बोल बाला, यूपी में बीजेपी ने जो किया है वह अब प्रदेश नहीं होगा। सपा बीजेपी हटाओं और छत्तीसगढ़ बचाओं नारे पर काम करेगी।
लल्लूराम के सवाल और सपा विधायक के जवाब-

लल्लूराम-  छत्तीसगढ़ समाजवाद का विस्तार कैसे होगा ?
सपा विधायक– 15 अप्रेल से सदस्यता अभियान की शुरुआत हो रही। संगठन विस्तार को लेकर ही वे अपने साथियों के साथ दो दिन के दौरे पर हैं। छत्तीसगढ़ में समाजवाद का विस्तार अच्छे तरीके किया जाएगा। 2018 से पहले संगठन मजबूत होकर उभरेगी।

लल्लूराम- लेकिन छत्तीसगढ़ में दो पार्टियों की वजूद है एक कांग्रेस और दूसरी बीजेपी। यहां क्षेत्रीय दलों के लिए कहीं कोई विकल्प दिखता नहीं है
सपा विधायक- इसलिए तो विकल्प के रूप में सपा प्रदेश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी। सपा पार्टी को मजबूत करने के साथ एक आंतरिक सर्वे भी करा रही है। संभावना तो है बस उस पहचान कर दिशा देने की कोशिश है। देखिएं 2018 में क्षेत्रीय दल ही निर्णायक भूमिका में होंगे।

लल्लूराम- अच्छा  फिर तो आपको एक बेहतर चेहरे की तलाश भी होगी। जिसके सहारे प्रदेश में आप पार्टी की छवि बना सके।
सपा विधायक- हां बिल्कुल हर पार्टी बेहतर छवि के लिए काम करती है। छत्तीसगढ़ सपा साफ-सुथरे चेहरों के साथ चुनावी मैदान में होगी। लेकिन पार्टी के भीतर एक ही चेहरा है अखिलेश उस चेहरों को ही प्रदेश में भूुनाया जाएगा। ये जरूर है कि पार्टी के संपर्क में कांग्रेस-भाजपा के कुछ नेता है। लेकिन उसके बारे में चर्चा संगठन विस्तार के बाद होगी।

लल्लूराम-  तो क्या फिर यूपी की तरह किसी पार्टी के साथ गठनबंधन कर या क्षेत्रीय दलों को एक कर चुनाव लड़ने की कोशिश होगी ?
सपा विधायक- जी नहीं फिलहाल पार्टी इस दिशा में नहीं सोच रही है। पार्टी पहले प्रदेश के भीतर सदस्य तैयारी करेगी। नेता तैयार किए जाएंगे। गठबंधन या क्षेत्रीय दलों को एक करने पर विचार चुनाव के वक्त में देखा जाएगा।