प्रतापगढ़. जनपद के रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक आरके वर्मा एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं. सपा विधायक ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत जी यदि सच्चे मायने में देश से भेदभाव, गैरबराबरी मिटाने के हिमायती हैं तो वह सीधे रामचरित मानस की उन संविधान विरोधी लाइनों को हटाने की बात क्यों नहीं करते. उन्होंने कहा कि यह बयान ओबीसी, एचसी के भाजपा से खिसकते जनाधार को बचाने हेतु उनकी भावनाओं को पुनः ठगने का प्रयास है.
सपा विधायक आरके वर्मा ने कहा कि RSS की जब चिंतन शिविर की बैठक हुई और उनको जब यह पता चल गया कि समाजवादी पार्टी में अभी तक जो उपेक्षित और वंचित हैं, जिनको सम्मान नहीं मिला, जिनको अधिकार नहीं मिला, जो नौकरियों से वंचित हैं, जो सम्मान से वंचित हैं, जो रोजगार से वंचित हैं. उनकी लड़ाई लड़ने का काम समाजवादी पार्टी कर रही है.
विधायक आरके वर्मा ने कहा कि सामाजिक न्याय की इस आवाज को समाजवादी पार्टी उठाने का काम किया था उनको लगा कि सारा का सारा पिछड़ा और अनुसूचित समाज समाजवादी पार्टी का मुरीद हो गया है तो उनके आर एस एस के प्रमुख मोहन भागवत जी का बयान आता है, इस देश में भगवान ने भेदभाव छुआछूत ऊंच-नीच की व्यवस्था नहीं की बल्कि उन्होंने कहा कि इस देश इस देश के पंडितों ने छुआछूत और भेदभाव की व्यवस्था करने का काम किया.
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दरअसल सपा विधायक आरके वर्मा रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के मैनहा अलीपुर ग्राम विकास गर्ल्स इंटर कॉलेज में आयोजित वार्षिकोत्सव में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान आरके वर्मा ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि मैं पूछना चाहता हूं उन जातिगत पंडितों से और शैक्षिक पंडितों से भी पूछना चाहता हूं कि अब आपकी भावनाएं आहत नहीं होती हैं, अब आप सड़क पर प्रदर्शन नहीं करेंगे. अब आप मोहन भागवत का पुतला नहीं फूंकेंगे. क्योंकि आर के वर्मा एक पिछड़े समाज का बेटा है वह सामाजिक न्याय की बात कर रहा है, वह गैर बराबरी मिटाने की बात कर रहा है, वह भेद-भाव मिटाने की बात कर रहा है, वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 15 जो मौलिक अधिकार को सुरक्षा देने की बात कर रहा है. इस देश के किसी नागरिक के साथ न कोई जाति के आधार पर भेद करेगा, ना कोई लिंग के आधार पर भेद करेगा नजर में स्थान के आधार पर कोई भेद करेगा.
आरके वर्मा ने कहा कि आज सरकार उस अधिकारों का हनन करने का काम कर रही है. सामाजिक न्याय के लिए उठी हुई आवाज को दबाने के लिए सरकार फर्जी मुकदमे करा कर डराने का काम कर रही है.
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गौरतलब है कि सपा विधायक आरके वर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा था, “तुलसीदास भेदभाव, ऊँचनीच, छुआछूत, गैरबराबरी की मानसिकता से ग्रसित कवि थे, जिनकी रामचरित मानस की अनेको चौपाइयां जो संविधान विरोधी हैं, उससे आज का पिछड़ा,अनुसूचित, महिला व संत समाज अपमानित होता है, ऐसी चौपाइयों को हटाने के साथ तुलसीदास को छात्रों के पाठ्यक्रम से हटाया जाना चाहिए.” विधायक आरके वर्मा ने रामचरितमानस से उन चौपाइयों को हटाने की मांग की है, जिसपर एक जाति विशेष को आपत्ति है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि स्कूलों में पाठ्यक्रम से तुलसीदास को हटाया जाना चाहिए.
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