फीचर स्टोरी. छत्तीसगढ़ को जिस रूप में बीते साढ़े तीन साल में भूपेश सरकार ने गढ़ने की कोशिश की है उसकी चर्चा देश और दुनिया में होती रही है. छत्तीसगढ़ को लोक-परंपराओं, सांस्कृति मूल्यों, महतारी अस्मिता के साथ तो गढ़ा ही जा रहा है, नवीन और आधुनिक संसाधनों और भविष्य की जरूरतों के साथ भी विकसित किया जा रहा है.

आदिवासी, किसान, मजदूर, ग्रामीण, महिला, युवा जैसे वर्गों का तो ख्याल रखा ही जा रहा, शहरों में व्यापार, कारोबार, उद्योगों को भी बढ़ावा देकर निवेश और रोजगार के नए द्वार को भी खोला जा रहा है. और इसमें बढ़ा काम छत्तीसगढ़ को देश-दुनिया से जोड़ने का. इस दिशा में सरकार जमीन से लेकर आसमान तक शानदार काम कर रही है. सड़क-रेल का कार्य तो जारी ही, लेकिन हवाई सेवाओं को विस्तार देने के मामले सरकार ने काफी तेजी से काम किया है. इसी का ही परिणाम है कि आज रायपुर एयरपोर्ट कई अन्य शहरों के लिए हवाई सेवाओं का संचालन शुरू हुआ, तो वहीं जगदलपुर और बिलासपुर में भी हवाई सेवाओं का विस्तार हुआ है. इसके साथ कुछ और शहरों में हवाई सेवा शुरू करने पर प्राथमिकता से काम किया जा रहा है.

आइए इस रिपोर्ट के जरिए आपको बताते हैं किस तरह से भूपेश सरकार ने बीते तीन साल में हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए काम किया है.

छत्तीसगढ़ में हवाई सुविधाओं को विस्तार देने भूपेश सरकार लगातार प्रयासरत् है. भूपेश सरकार के इन प्रयासों को उनके साढ़े तीन साल के कार्यकाल में देखा जा सकता है. रायपुर, जगदलपुर से लेकर बिलासपुर तक राज्य सरकार ने हवाई सेवाओं पर तेजी से काम किया है. केंद्र सरकार तक जनता की मांग पहुँचाई, जरूरतों को बताया गया और सुविधाओं को विस्तार दिया गया है.

आज राजधानी रायपुर से कई शहरों के लिए सीधी विमान सेवा संचालित है. इसके साथ ही रायपुर से जगदलपुर और जगदलपुर से दिल्ली, हैदराबाद के लिए भी अब उड़ाने संचालित है. वहीं जगदलपुर में हवाई अड्डा में यात्री सुविधाओं का विस्तार भी लगातार जारी है. इसके साथ ही बिलासपुर में हवाई सेवाओं का संचालन भूपेश सरकार में ही शुरू हो सकता है. पहले दिल्ली और प्रयागराज के लिए विमान सेवा शुरू और भोपाल के लिए भी बिलासपुर से उड़ान संचालित है.

सरकार ने विमानों को शुरू कराने में जहाँ अपनी पूरी ताकत लगाई, तो वहीं हवाई अड्डों पर अधोसंरचना विकास पर भी जोर दिया है. बिलासपुर और जगदलपुर में नाइट लैडिंग की सुविधा प्रारंभ कराने की कवायद जारी है. इसके साथ ही कुछ और शहरों से भी जल्द हवाई सेवा शुरू कराने की कोशिशें सरकार ने तेज कर दी है. इसमें मुख्य रूप से औद्योगिक शहर कोरबा और उत्तर छत्तीसगढ़ में अंबिकापुर शामिल है. अंबिकापुर में एयरपोर्ट रनवे को बेहतर से बेहतर किया जा रहा है. अंबिकापुर एयरस्ट्रीप के विकास के लिए 43 करोड़ खर्च किया गया है. वहीं अंबिकापुर, जगदलपुर और बिलासपुर में ऑटोमोटेड एटीसी उपकरण स्थापित किए गए हैं.

सरकारी जानकारी के मुताबिक जगदलपुर स्थित माँ दंतेश्वरी एयरपोर्ट में अत्याधुनिक सेवाएं प्रारंभ की जा रही है. बस्तर को विभिन्न शहरों से जोड़ने के लिए पहल की जा रही है. राज्य सरकार के प्रयासों के बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) द्वारा 2 सी व्हीएफआर श्रेणी के 72 सीटर विमान सेवा की स्वीकृति दी गई है.

भूपेश सरकार की कोशिश रंग लाती है और बस्तर धीरे-धीरे एयर कनेक्टिविटी के मामले में आगे बढ़ता ही रहा है. 21 सितंबर 2020 से नियमित विमानों का संचालन जगदलपुर से जारी है. जगदलपुर से रायपुर- हैदराबाद-बैंगलोर सेक्टर में नियमित घरेलू विमान सेवा का संचालन हो रहा है. आज की स्थिति में प्रतिमाह तीन हजार से अधिक लोग बस्तर से यात्रा कर रहे हैं.

इसी तरह से बिलासपुर के चकरभाठा स्थित हवाई अड्डा को भी विकसित करने का काम राज्य सरकार की ओर से किया गया है. भूपेश सरकार ने सबसे पहले जनभावनाओं का ख्याल रखते हुए और लोगों की मांग पर चकरभाठा हवाई अड्डे का नाम बिलासपुर की वीरांगना बिलासा देवी केंविटन के नाम पर रखा. इसके साथ सरकार ने 41 करोड़ की लागत कई विकासकार्यों को पूर्ण कराया. सरकार ने हवाई सेवा प्रारंभ कराने की केंद्र सरकार से लगातार संवाद जारी रखा. सरकार के प्रयासों के बाद बिलासपुर एयरपोर्ट को 3 सी व्हीएफआर श्रेणी का लाइसेंस डीजीसीए से दिया गया है. इस तह 1 मार्च 2021 से छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर हवाई सेवा से जुड़ गई. इस दिन 72 सीटर विमान द्वारा यहां से दिल्ली-जबलपुर-बिलासपुर-प्रयागराज वायु मार्ग में नियमित घरेलू विमान सेवा का संचालन प्रारंभ हुआ.

सरकारी जानकारी के मुताबिक इस एयरपोर्ट से भी आज प्रतिमाह लगभग तीन हजार लोग यात्रा कर रहे हैं. वहीं एक साथ बाद 5 जून 2022 से बिलासपुर-भोपाल के लिये भी नियमित घरेलू विमान सेवा भी प्रारम्भ हो चुकी है. इस एयरपोर्ट का विकास 4 सी व्हीएफआर श्रेणी में करने की योजना पर काम किया जा रहा है.

वहीं उत्तर छत्तीसगढ़ सरगुजा को भी विमान सेवा जोड़ने पर राज्य सरकार प्राथमिकता से काम कर रही है. अंबिकापुर से 16 किलोमीटर दूर दरिमा हवाई पट्टी में विकासकार्य जा रही है. सरकार ने 43 करोड़ रुपये विकासकार्यों के लिए स्वीकृत किया है. इसमें रनवे के साथ ही अन्य विकास कार्य किए जा रहे हैं. माँ महामाया एयरपोर्ट-प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र को विमान सेवाओं से जोड़ने के लिए संभागीय मुख्यालय अम्बिकापुर के दरिमा एयरपोर्ट का विकास 3 सी व्हीएफआर श्रेणी में किया जा रहा है. इसके पूरा होने पर यहां 72 सीटर विमान से हवाई सेवा संचालन हो सकेगा.

विद्युत नगरी कोरबा जो कि पूरी तरह एक व्यवासियक शहर है. इस शहर को भी हवाई मार्ग से जोड़ने की ओर सरकार ने कदम आगे बढ़ा दिए हैं. कोरबा में व्यवसायिक एयरपोर्ट के विकास हेतु सर्वे पूरा हो गया है. यहां रूमगरा स्थित हवाई पट्टी के सर्वे में इसे व्यावसायिक एयरपोर्ट विकास के लिए उपयुक्त पाया गया है. हवाई पट्टी के रनवे विस्तार हेतु यहां भूमि भी उपलब्ध है. सरकार कोरबा से घरेलु विमान सेवा प्रारंभ कराने प्रयास तेज कर दिए हैं.

कोरबा के साथ-साथ कोरिया में नवीन हवाई पट्टी के विकास की योजना पर कार्य किया जा रहा है. हवाई पट्टी के विकास हेतु भूमि का चिन्हांकन कर तकनीकी सर्वे कार्य कराया जा चुका है.