लक्ष्मीकांत बंसोड, बालोद। तुम वक़्त-वक़्त पर प्यार की दवाइयां दिया करो. हमे आदत है रोज तेरे प्यार में बीमार होने की. शायद कुछ इसी चाहत के साथ एक प्रेमिका रोज अपने ब्वॉयफ्रेंड को घर की छत पर मिलने बुलाया करती थी, लेकिन उसे क्या पता था कि उसका प्रेमी ही एक दिन उसके प्यार के साथ उसे भी निगल लेगा. हम छत्तीसगढ़ के एक ऐसे मर्डर मिस्ट्री की बात करने जा रहे हैं, जिसमें एक प्रेमी ने ही अपने प्रेमिका को खौफनाक मौत दे दी. हत्या की इस घटना को सुनकर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे.

दरअसल, ये वारदात लव, लाइफ और कत्ल की है. प्रेमिका इश्क में मशगूल थी. एक पल उस शख्स से अलग नहीं रहना चाहती थी, यूं कहें कि वही उसकी दुनिया और वही जहान था. प्यार परवान चढ़ता गया. दोनों मिलने- जुलने लगे, लेकिन लड़की के लिए एक ऐसी काली रात आई, जिसने उसकी दुनिया ही तबाह कर दी. जिसे लड़की प्यार समझती थी, वही उसका कातिल निकला. हत्यारे ने लव के लहू से खूनी खंजर को रंग दिया.

खूनी खंजर से सीने में 8 वार

कत्ल की ये पूरी वारदात बालोद जिले के भालूकोन्हा गांव की है. जहां प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को मौत के घाट उतार दिया. कत्ल इतने शातिराना तरीके से किया की, इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में पुलिस भी परेशान हो गई. प्रेमी ने अपनी प्रेमिका संध्या राजपूत के सीने पर खंजर से एक नहीं… बल्कि आठ वार किए, जिससे प्रेमिका ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.

फर्श पर बिखरे लहू के कतरे

लाश छत पर थी..और कातिल फरार था. फर्श पर लहू के कतरे बिखरे पड़े थे. खंजर इतना खतरनाक था कि शरीर को जख्मों से छलनी दिया. घाव के निशान गिनने में पुलिस की भी आंखें लाल पड़ गईं. वारदात के बाद पुलिस सुराग जुटाने में गली-गली…गांव-गांव..और शहर शहर भटकती रही. इस ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए करीब 300 लोगों से पूछताछ और 200 सीसीटीवी कैमरे खंगाले, फिर भी कुछ खास सुराग हाथ नहीं लगा.

फोन से खुला कत्ल का राज
पुलिस के हाथ 21 दिन बाद भी खाली थे. कातिल कत्ल के बाद मस्त घूम रहा था, और अब पुलिस के पास आखिरी उम्मीद मोबाइल फोन था. अर्जुंदा पुलिस और साइबर सेल की टीम को 22 वें दिन चौंकाने वाले साक्ष्य मिले, जिससे वारदात की उलझी मर्डर मिस्ट्री का कच्चा चिट्ठा खुल गया. पुलिस ने शक के बिनाह पर गांव के ही विकास कुमार को दबोचा. फिर विकास ने परत-दर-परत पूरी वारदात की कहानी सुनाई.

रात के अंधेरे में खेला खूनी खेल

प्रेमी विकास ने बताया कि संध्या से पुरानी दोस्ती थी, वो रोज घर बुलाती थी, नहीं आने पर परेशान करती थी, जिससे हताश होकर उसने संध्या को रास्ते से हटाने की प्लानिंग की. रात के अंधेरे में उससे मिलने पहुंचा. फिर चाकू उसका गला काट दिया. सुराग छिपाने खूनी खंजर को नहर में फेंका और कपड़ों को जला. पुलिस ने हथियार बरामद कर आरोपी को जेल भेज दिया है.

कहते हैं कातिल कितना भी शातिर क्यों न हो… वो अपने कारनामे की सुराग छोड़ ही देता है. कुछ ऐसा ही इस ब्लाइंड मर्डर केस में हुआ, जिसमें प्रेमिका की जिद के कारण प्रेमी ने उसे मौत के घाट उतार दिया. अब आरोपी सलाखों के पीछे चक्की पीस रहा है.

खौफनाक कत्ल की कहानी

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