नई दिल्ली। सबकुछ ठीक रहा, तो स्पाइनल मस्कुलरएट्रोफी टाइप-1 नामक दुर्लभ बीमारी से जूझ रही दो साल की सृष्टि रानी अब एक सामान्य बच्ची की जिंदगी जी सकेगी. कोल इंडिया की ओर से मुहैया कराई गई 16 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद के बाद नई दिल्ली स्थित एम्स में शुक्रवार को जोलजेस्मा नामक इंजेक्शन लगा दिया गया है. यह इंजेक्शन स्विटजरलैंड की नोवार्टिस कंपनी विशेष ऑर्डर पर बनाती है. डॉक्टरों का कहना है कि सृष्टि के जल्द पूरी तरह स्वस्थ हो जाने की उम्मीद है.

 

जोलजेस्मा इंजेक्शन विशेष ऑर्डर पर बनाती है स्विटजरलैंड की नोवार्टिस कंपनी

सृष्टि झारखंड के मेदिनीनगर सतीश कुमार रवि की बेटी है. सतीश छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड एसईसीएल में कार्यरत हैं. सृष्टि लगभग एक साल से वेंटिलेटर पर है. इस बीमारी का इलाज सिर्फ जोलजेस्मा इंजेक्शन है और इसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है. उनके लिए इतनी बड़ी राशि जुटा पाना आसान नहीं था. उन्होंने कई लोगों से मदद की गुहाई लगाई. इसके बाद पिछले 6 महीने से छत्तीसगढ़ से लेकर झारखंड तक क्राउड फंडिंग का अभियान चलाया जा रहा था, लेकिन इससे मात्र 40 लाख रुपये ही जुट पाये थे.

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, चतरा के सांसद सुनील सिंह सहित कई लोगों ने सृष्टि के इलाज की मदद के लिए देश की कई बड़ी कंपनियों को पत्र लिखा था. मेदिनीनगर के उपायुक्त शशि रंजन भी क्राउड फंडिंग के लिए आगे आये थे. उन्होंने कहा था कि मेदिनीनगर जिले की आबादी 20 लाख है और इनमें से यदि 16 लाख लोग 100-100 रुपये भी देंगे, तो 16 करोड़ इकट्ठा किया जा सकता है. एसईसीएल के कर्मियों ने भी मदद की गुहार लेते हुए कंपनी को पत्र लिखा था. इसके बाद एसईसीएल ने कोल इंडिया को प्रस्ताव भेजा और आखिरकार कोल इंडिया ने अपने एक साधारण कर्मचारी की बेटी के लिए इतनी बड़ी आर्थिक सहायता मंजूर कर ली.

 

इससे पहले मुंबई की बच्ची तीरा कामथ को लगा था 16 करोड़ का इंजेक्शन

बताया जा रहा है कि सृष्टि देश की दूसरी बच्ची है, जिसे 16 करोड़ का इंजेक्शन लगाया गया. इससे पहले इसी तरह की बीमारी से जूझ रही मुंबई की एक बच्ची तीरा कामथ के लिए भी प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद इस इंजेक्शन का इंतजाम हुआ था.