सत्यपाल राजपूत, रायपुर. वेतन विसंगति दूर करने के लिए 30 साल से उपेक्षित महिला पर्यवेक्षकों का राज्य स्तरीय धरना बूढ़ा तालाब धरना स्थल में जारी है. महिला बाल विकास के महिला पर्यवेक्षक कल्याण संघ के बैनर तले ये हड़ताल जारी है. महिला पर्यवेक्षक संघ की अध्यक्ष ऋतु परिहार ने कहा कि वेतन विसंगति को दूर करने को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है. लेकिन सुनवाई कहीं भी नहीं हुई है.

ऋतु परिहार ने कहा कि ना चाहते हुए भी हम हड़ताल करने के लिए मजबूर हो गए हैं. 30 सालों से सिर्फ़ आवेदन आश्वासन पर काम चला है. अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जब हमने विभाग को हड़ताल करने के लिए आवेदन दिया तो हमारे हड़ताल को दबाने के लिए विभाग ने हमारी छुट्टी को कैंसिल कर दिया है. टर्मिनेशन, निलंबन की धमकी दी जा रही है. इस धमकी से हम डरने वाले नहीं हैं. नारी है लड़ सकते हैं, फिर भी हमारी बात नहीं मानी जाती है. तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे साथ ही छत्तीसगढ़ से दिल्ली तक न्याय यात्रा निकालेंगे.

वेतन विसंगति को लेकर उन्होंने कहा कि 4200 ग्रेट पे की मांग कर रहे हैं. अभी जो हमें मिल रहा है, वो हमारे साथ वाले पर्यवेक्षकों से समकक्ष तो दूर, बल्कि 12 हजार कम है. ना हम राज्य में समकक्ष हैं, ना दूसरे राज्य की तुलना में समकक्ष हैं. सभी जगह हम नीचे हैं. उसके बाद भी सुनवाई नहीं हो रही. अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे तो हमें डराया जा रहा है. तो वहीं विभिन्न कर्मचारी राजनीति संगठन से इस प्रदर्शन को समर्थन मिला है.

विजय झा ने कहा कि राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए बीजेपी के अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इन
पर्यवेक्षक की मांग जायज है. सरकार को तत्काल समाधान करना चाहिए. एक ओर महिला सम्मान अधिकार की बात करते हैं, दूसरी ओर इस तरह धरना आंदोलन सही नहीं है.