रायपुर। वन मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार राज्य के वनाधिकारियों तथा संविदा पर पदस्थ पशु चिकित्सकों के लिए वन्यप्राणियों की बीमारियों एवं निश्चेतना विषय पर एक राज्य स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन 17 से 19 जून 2020 तक किया जा रहा है। प्रशिक्षण का आयोजन नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन के सभागार में होगा।

उल्लेखनीय है कि विगत दिवस वन विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान वनमंत्री अकबर द्वारा निर्देशित किया गया था कि राज्य में मानव-हाथी द्वंद की स्थिति को देखते हुए हाथियों को निश्चेतित कर रेडियो काॅलर करने के कार्य के संबंध में विभाग को आत्मनिर्भर बनाया जाए। इसके तहत हर संभव आवश्यक उपाय किए जाए ताकि भविष्य में इस संबंध में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं पर वन विभाग की निर्भरता कम हो सके। मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा यह भी निर्देशित किया गया था कि इस विषय में अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञों की सहायता से उच्च गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण यहां के वनाधिकारियों एवं पशु चिकित्सकों को उपलब्ध कराया जाए।

इस संबंध में कार्यवाही करते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी श्री अतुल कुमार शुक्ल तथा वरिष्ठ पशु चिकित्सक डाॅं. राकेश वर्मा एवं संचालक सह वनमण्डलाधिकारी जंगल सफारी एम. मर्सीबेला के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञों से चर्चा कर प्रशिक्षण की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अरूण पाण्डेय ने बताया कि प्रशिक्षण के प्रथम दिवस 17 जून 2020 को वरिष्ठ वेटनरी मैनेजर सैनपार्क साऊथ अफ्रीका डाॅं. पीटर बस, न्यूयार्क के वेटनरी सर्जन डाॅं माइकल मिलर, दक्षिण अफ्रीका के निश्चेतना विशेषज्ञ डाॅं अलेक्स सोमोजो ऑनलाइन डिजिटल मीटिंग के माध्यम से अपना व्याख्यान देंगे। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र चंद्रपुर से आए हुए वेटनरी ऑफिसर डाॅं रवि खोबरागड़े भी अपनी प्रस्तुति देंगे।

प्रशिक्षण सत्र के द्वितीय दिवस 18 जून 2020 को वाईल्ड लाईफ एस ओ एस के डाॅं. अरूण मानव-वन्यप्राणी द्वंद के संबंध में व्याख्यान एवं अनुभव साझा करेंगे। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅं अदिति शर्मा एवं डाॅं एच. एस. प्रयाग हेबल वेटनरी काॅलेज बेंगलोर भी अपना प्रस्तुतिकरण देंगे। कार्यक्रम में कामधेनु पशु चिकित्सा महाविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅं जसमीत सिंह द्वारा भी विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया जाएगा। डाॅं देव कूपर जो रायनो रिहेबिलिटेशन कैम्प के वेटनरी सर्जन हैं, इनके द्वारा भी ऑनलाइन डिजिटल मीटिंग के माध्यम से प्रस्तुतिकरण दिया जावेगा।

प्रशिक्षण सत्र के तृतीय दिवस 19 जून 2020 को हाथियों सहित अन्य वन्यप्राणियों को निश्चेतना कर बेहोश करने के संबंध में बंदूकों के इस्तेमाल एवं दवाईयों की मात्रा के संबंध में अजय मराठे पुलिस कांस्टेबल चंद्रपुर द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया जावेगा। तत्पश्चात वरिष्ठ पशु चिकित्सक डाॅं. राकेश वर्मा नंदनवन जू एवं सफारी के द्वारा भी डार्ट गन के उपयोग एवं फिल्ड प्रैक्टिस के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में राज्य के समस्त मुख्य वन संरक्षक एवं वन संरक्षक वन्यप्राणी, समस्त राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य के वनाधिकारी सहित वन विभाग में पदस्थ समस्त संविदा पशु चिकित्सक उपस्थित रहेंगे। हाथी प्रभावित जिले के क्षेत्रीय वन कर्मचारी भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित होकर डार्ट गन चलाने एवं हाथियों सहित अन्य वन्यप्राणियों को बेहोश करने के संबंध में क्लासरूम व फील्ड ट्रेनिंग लेंगे।