रायपुर। स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के नए बनने वाले गोदामों को ट्रसलेस (सेल्फ सपोर्टेड रूफिंग) तकनीक से बनाने की तैयारी हो रही है. तिफरा में सेंट्रल वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के गोडाउन को इसी तकनीक से बनाया गया है. अब स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के गोदामों को भी इसी तकनीक से बनाने पर विचार किया जा रहा है.

स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के चेयरमैन अरूण वोरा ने बताया कि भविष्य में बनने वाले स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के सभी गोडाउन ट्रशलेस तकनीक से बनाने के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है. कार्पोरेशन की टीम ने तिफरा में सेंट्रल वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के गोडाउन का निरीक्षण करने के बाद इसकी रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ट्रशलेस तकनीक से गोडाउन निर्माण करने के प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा.

बता दें कि वेयर हाउसिंग के गोदामों में अनाज और चावल को खराब होने से बचाने और सुरक्षित भंडारण के लिए अमेरिकन कंपनी की गेल वैल्यूम शीट्स लगाने की तकनीक काफी बेहतर मानी जा रही है. इस तकनीक से अनाज के भंडारण के दौरान होने वाले नुकसान में कमी आएगी. साधारण गोदामों की तुलना में ट्रशलेस गोडाउन में अधिक भंडारण किया जा सकता है.

अनाज भंडारण गोदामों को कवर करने के लिए छतों पर लगाई गई गेल वैल्यूम शीट को केंद्रीय एजेंसियों भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) द्वारा काफी सराहना की गई है. मई 2013 में एफसीआई ने नए बनने वाले गोदामों के लिए इसी शीट्स को लगाने कहा है. इसे देखते हुए अब छत्तीसगढ़ स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन ने भी इसी तकनीक से गोडाउन का निर्माण करने की तैयारी शुरू कर दी है.

सेल्फ सपोर्टेड रूफिंग से होते हैं ये फायदे

साधारण गोडाउन में वॉशर खराब होने पर बारिश का पानी जे बोल्ट के माध्यम से लीक होता है. धूल भी गोडाउन में प्रवेश करती है. गोडाउन के भीतर जमा होने लगती है. पक्षी भी गोडाउन के भीतर घोसला बनाते हैं. जबकि ट्रसलेस गोडाउन रखरखाव मुक्त होते हैं. गोडाउन के भीतर रखी वस्तुओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं. अज्वलनशील होने के साथ ही आग और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने में ये ज्यादा सहायक होते हैं.