अमृतसर. पंजाब में आवारा कुत्तों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सितंबर 2025 तक राज्य में कुत्तों के काटने के करीब ढाई लाख मामले दर्ज किए जा चुके हैं। यानी हर दिन 900 से अधिक लोग इनके शिकार बन रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद ये चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जो राज्य सरकार की नाकामियों पर सवाल खड़े कर रहे है।

पिछले छह सालों में हर साल काटने के मामलों में लगातार इजाफा हुआ है। सिर्फ नौ महीनों में ही 2025 ने पूरे 2024 के आंकड़े को पीछे छोड़ दिया है। राष्ट्रीय रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम के जिला अधिकारी डॉ. सुमित सिंह ने कहा, “अब सरकारी अस्पतालों में इलाज आसान होने से ज्यादा मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। पहले लोग प्राइवेट क्लीनिक जाते थे, इसलिए आंकड़े कम दिखते थे। मौतें सिर्फ उन्हीं मामलों में होती हैं, जहां लोग लापरवाही करते हैं और टीका नहीं लगवाते।

सरकार का दावा : नसबंदी और मुफ्त टीके

पंजाब सरकार आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए अभियान चला रही है। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी-रेबीज वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही है। लेवल-3 के गंभीर काटने पर सीरम भी लगाया जा रहा हैं
पिछले साल से भी ज्यादा मामले सरकारी आंकड़ों के मुताबिक :

  • 2025 (सितंबर तक): करीब 2.5 लाख मामले
  • 2024 (पूरे साल): 2.13 लाख मामले
  • 2023: 2.02 लाख
  • 2022: 1.65 लाख
  • 2021: 1.26 लाख
  • 2020: 1.10 लाख