Supreme Court Hearing On Stray Dogs Case: आवारा कुत्तों से जुड़े केस में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कहा कि हमारे आदेश का सम्मान नहीं हो रहा है। उन्हें (मुख्य सचिवों) आने दीजिए, इन लोगों से हम निपटेंगे।
दरअसल देश के शीर्ष न्यायालय में भी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने की याचिका दायर की गई थी। मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने आज (31 अक्टूबर) को की। बेंच ने याचिका खारिज करते हुए सभी राज्य के मुख्य सचिवों को जमकर फटकार लगाई।
जस्टिस नाथ ने कहा, “जब हम मुख्य सचिवों से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहते हैं, तो वे इस पर चुप्पी साधे रहते हैं। हमारे आदेश का कोई सम्मान नहीं है। तो ठीक है, उन्हें आने दीजिए। हम उनसे निपट लेंगे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। इससे पहले 27 अक्टूबर को कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़ सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से जवाब मांगा था।
सुप्रीम कोर्ट आवारा कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज के बारे में एक मीडिया रिपोर्ट पर एक्शन लेते 28 जुलाई से मामले की सुनवाई कर रहा है।
27 अक्टूबर को भी लगाई थी क्लास
इससे पहले 27 अक्टूबर को भी आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी। आवारा कुत्तों के मामले में राज्यों की तरफ से हलफनामा दाखिल नहीं किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट बुरी तरह भड़क गयाथा। देश के शीर्ष न्यायालय ने फटकार लगाते हुए सभी राज्यो के मुख्य सचिव को 3 नवंबर को कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्यों के वकीलों से कहा कि आप लोग ख़बरें नहीं देखते। सोशल मीडिया तो देखते होंगे। मजाक बना रखा है, लोग परेशान हैं। जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं और विदेशों में देश की छवि ख़राब हो रही है। हम भी खबरें पढ़ रहे हैं।
22 अगस्त- कोर्ट ने बढ़ाकर पूरे देश में कर दिया था
22 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों से जुड़े केस का दायरा दिल्ली-एनसीआर से बढ़ाकर पूरे देश में कर दिया था और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसमें पार्टी बनाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था, जिन कुत्तों को पकड़ा जाता है, उनकी नसबंदी और टीकाकरण कर जहां से उठाया है, वहीं वापस छोड़ दिया जाए। हालांकि, रेबीज से संक्रमित और आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाए। कोर्ट ने 11 अगस्त के 2 जजों की बेंच के उस आदेश को बेहद सख्त बताया था, जिसमें सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों में दिल्ली-NCR के रहवासी इलाकों से हटाकर हमेशा के लिए शेल्टर होम में भेजने कहा था।
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