रायपुर. राजधानी के युवाओं की पढ़ाई पूरी तरह ठप्प होती नजर आ रही है. एक तरफ प्राचार्य की ज्वाईंनिंग को लेकर हो रहे विवाद के बाद डागा गर्ल्स कॉलेज सील कर दिया गया है वहीं हिद्यातुल्ला विश्वविद्यालय में कुलपति हटाने की मांग को लेकर छात्रों की भूख हड़ताल शुरु हो गई है.

सोमवार सुबह जैसे ही छात्राएं डागा गर्ल्स कॉलेज पहुंची वहां टीचर्स ने उन्हें एक हफ्ते की छुट्टी घोषित होने की जानकारी दी. इसके बाद कॉलेज में पढ़ाई की मांग पर बच्चों ने प्रदर्शन शुरु कर दिया.

वहीं प्राचार्य कक्ष कार्यालय सहित पूरा कॉलेज बंद कर दिया गया है. वहीं छात्र संगठन के साथ मिलकर राज्यपाल मुख्यमंत्री कलेक्टर और कॉलेज प्रबंधन को ज्ञापन देने की तैयारी कर रहे है.

इसके अलावा हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र 1 अक्टूबर कि सुबह 8 बजे से अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं. छात्रों का कहना है कि  वे तब तक इस भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे जब तक सुखपाल सिंह इस्तीफा नहीं दे देते या उनकी समस्याओं का निराकरण न हो जाये.

क्या है डागा कॉलेज का विवाद

पीजी डागा गर्ल्स कॉलेज में शनिवार को दोपहर दो बजे अचानक हंगामा शुरू हो गया. कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल डीके दुबे की जगह संगीता घई को चार्ज सौंपने पर यह पूरा बवाल शुरू हुआ. कॉलेज में एसडीएम के साथ बहस हुई और उसके बाद पुलिस बुलानी पड़ी.

पुलिस-प्रशासन के सामने ही दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई. विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने प्रभारी प्रिंसिपल और उनके साथ 9 अन्य को गिरफ्तार कर लिया. बाद में उन्हें मुचलके पर रिहा कर दिया. प्रभारी प्रिंसिपल का कहना था कि पूरा मामला हाईकोर्ट में सुनवाई के अधीन है. ऐसे में किसी अन्य को प्राध्यापक को प्राचार्य कैसे बनाया जा सकता है. कॉलेज में प्राचार्य के पद को लेकर पिछले दो साल से विवाद चल रहा है. प्राध्यापक दुबे को कॉलेज प्रबंधन ने 15 अप्रैल 2017 को निलंबित कर दिया था. इसके बाद वे प्रबंधन के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए. कोर्ट में मामला है और कॉलेज में विवाद चल रहा है.

वहीं शनिवार को अचानक संगीता घई को प्रभार दिलाने प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए उसी के बाद हंगामा हो गया. दुबे का कहना है कि कॉलेज को उच्च शिक्षा विभाग से आर्थिक सहायता मिलती है और वहां से उनके पास निलंबन का कोई पत्र नहीं मिला है. वहीं कॉलेज का संचालन वर्तमान में कॉलेज काउंसिल कर रही है. हंगामा करने वाले प्रभारी प्राचार्य डॉ. दुबे सहित 9 लोगों पर पुलिस ने प्रतिबंधात्मक धारा लगाकर कार्रवाई की और इसके बाद मुचलके पर छोड़ दिया गया. बता दे कि महाविद्यालय की पूर्व प्राध्यापिका कमला वर्मा ने सहायक प्राध्यापक डॉ डी.के दुबे को प्राध्यापक का पदभार सौंपा था. उन्हें 25 मई को शासी निकाय और महाविद्यालय प्रबंधन के आदेशों की लगातार अवहेलना, कॉलेज के ऑफिस, कक्षा, स्टाफ रूम में ताला बंद कर कॉलेज के शिक्षण कार्य और संचालन को अवरुद्ध करने के आरोप में निलंबित किया गया था. इसके खिलाफ दुबे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. उसके बाद भी उन्होंने पद नहीं छोड़ा.

ये है हिदायतुल्ला विश्वविद्यालय का विवाद

हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एचएनएलयू) में कुलपति सुखपाल सिंह के फिर से कार्यभार संभालने के बाद छात्र-छात्राओं का एक बार फिर प्रदर्शन शुरू कर दिया था. छात्र-छात्राओं ने कुलपति पर कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और यौन उत्पीड़न के आरोपों के ख़िलाफ़ किसी भी तरह की कार्रवाई में असफल रहने के आरोप लगाए हैं. मालूम हो कि कुलपति का कार्यकाल ख़त्म होने के बाद उन्हें सेवा विस्तार मिलने की वजह से छात्र-छात्राएं उनके इस्तीफे की मांग को लेकर इससे पहले बीते 27 अगस्त को धरने पर बैठे थे. 10 दिन तक चले इस प्रदर्शन में कुलपति को हटाने की मांग के साथ हॉस्टल में आने-जाने की समयसीमा को पूरी तरह से ख़त्म करना, लाइब्रेरी के लिए कर्फ़्यू टाइम को बढ़ाना, मोरल पुलिसिंग ख़त्म करना, यौन उत्पीड़न मामलों में कार्यवाई के लिए कमेटी का गठन, स्वतंत्र वॉर्डन की नियुक्ति और छात्र-छात्राओं की प्रतिक्रिया लेने के लिए व्यवस्था बनाने की मांगें शामिल थी.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कुलपति के सेवा विस्तार को निरस्त कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 25 सितंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति सुखपाल सिंह ने फिर से कार्यभार संभाल लिया है. कुलपति की वापसी का छात्र-छात्राओं द्वारा विरोध किया जा रहा है.