कपिल मिश्रा,शिवपुरी। सरकार के दावे के विपरीत मध्यप्रदेश में खाद के लिए की किल्लत बनी हुई है। किसानों द्वारा आंदोलन के बाद भी प्रशासन खाद की पर्याप्त मात्रा में सप्लाई की व्यवस्था नहीं करवाई पाई है। किसानों के आक्रोश को शांत करने प्रशासन ने स्टॅाक नहीं होने के बाद भी टोकन बांट दिए थे। 8 दिन बाद खाद से भरा ट्रक पहुंचा तो किसानों ने ट्रक रुकने के पहले ही खाद पाने ट्रक के पीछे दौड़ लगा दी। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों को खाद की कितनी आवश्यकता है। ट्रक के पहुंचते ही खाद लेने किसानों में अफरा-तफरी मच गई।

इस संबंध में एक वीडियो सामने आया है जिसमें किसान ट्रक के आते ही बदहवास दौड़ते दिख रहे हैं। जैसे ही ट्रक बदरवास कृषि उपज मंडी प्रांगण पहुंचा तो किसानों ने अपना आपा खो दिया और खाद के लिए ट्रक के पीछे दौड़ पड़े। ट्रक के रुकते ही किसानों ने ट्रक के पीछे लाइन लगा डाली।

https://www.youtube.com/watch?v=vTlf1n11pGw

24 नवंबर को किसानों ने खाद न मिलने से नाराज होकर एबी रोड़ को जाम कर दिया

दरअसल बदरवास में खाद की किल्लत लगातार बनी हुई है। बीते 24 नवंबर को बदरवास में किसानों ने खाद न मिलने से नाराज होकर एबी रोड़ को जाम कर दिया था। जिसके बाद प्रशासन ने समझा बूझाकर खाद के टोकन वितरित कर किसानों के गुस्से को शांत कराया था। आंदोलन के 8 दिनों बाद खाद से भरे दो ट्रकों का आगमन हुआ। जिसे देख किसानों में मारा-मारी मच गई और किसानों ने खाद से भरे ट्रक के पीछे दौड़ लगा दी।

8 दिनों से कर रहे थे इंतजार
बता दें कि किसान बीते 8 दिनों से खाद आने का इंतजार कर रहे थे। प्रशासन द्वारा किसानों को खाद के लिए टोकन बांट दिया था। किसान रोज खाद की उम्मीद लिए कृषि उपज मंडी प्रांगण पहुचते थे। आठवें दिन जब खाद से भरा ट्रक आया तो किसानों का धैर्य जवाब दे दिया और किसान टोकन लेकर ट्रक के पीछे दौड़ पड़े।

वितरण की समुचित व्यवस्था नहीं
कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष राजकुमार यादव ने किसानों द्वारा ट्रक के पीछे दौड़ लगाने की घटना पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसान खाद को लेकर परेशान है। अभी बोवाई का समय चल रहा है। इस समय किसान को खेत में होना चाहिए जो खाद के लिए लाइन लगाकर खड़े हुए हैं। किसानों ने 24 नवंबर को विरोध प्रदर्शन कर रोड़ को जाम कर नाराजगी जाहिर की थी। नाराजगी के बाद बदरवास के किसानों के बीच खाद से भरे दो ट्रक पहुंचे, जिन्हें वितरित करने की प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। उन्हें प्रशासन से वितरण की समुचित व्यवस्था बनाने और किसानों को दिलाने की मांग की है।