शिवा यादव, सुकमा। पूवर्ती, कोत्तगुड़ा, कुंदेड़, मिलमपल्ली,केरलापेंदा, मोरपल्ली, गोंदपल्ली. सुकमा जिले के ये वो गांव हैं जहां पिछले एक साल से पीडीएस का चावल नहीं पहुंच रहा है. इस बात की जानकारी युवा कांग्रेस की उस टीम ने दी जो चिंतलनार पहुंची थी. यूथ कांग्रेस के निर्देश पर ये दल बस्तर के ग्रामीण इलाकों में पीडीएस का हाल जानने दौरा कर रही है.
ये टीम बड़ी मुश्किल से मोटरसाइकिल से घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र चिंतलनार पहुची और वहां ग्रामीणों से पीडीएस राशन की जांच की. ग्रामीणों से बातचीत में पाया कि ऐसे बहुत से गांव हैं जहां पिछले एक वर्ष से राशन ही नही मिला और ना ही राशन बाटने के लिए कोई आता है. गांववालों ने जांच टीम को बताया कि यहां का राशन की ब्लैक मार्केंटिंग भी होती है. यहां के ग्रामीण वनोपज को बाजार में जाकर बेचते है और उसके बदले राशन लाते है, तब जाकर उनका जीवन बसर हो रहा है।
साथ ही ग्रामीणों ने जांच दल को बताया कि कोई भी शासकीय योजना यहां नही पहुंचती. प्रदेश अध्यक्ष के आदेश पर जांच टीम यहां पहुची है. जांच दल का कहना है कि उसने पाया कि यहां पीडीएस के साथ स्वास्थ्य सेवा भी बेहाल है. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक महीने में चार गर्भवती महिलाओं ने इलाज ना होने के कारण दम तोड़ दिया है. सड़क की हालत काफी बुरी है. पहले यहां एक सड़क होती थी लेकिन सालों से अब कोई सड़क यहां नहीं है.