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रायपुर।  राजनीतिक रोटियां कब कैसे और कहां सेकनी हैं, इसमें नेताओं की पीएचडी है. दरअसल मामला राजधानी में 680 करोड़ रूपए के विकास योजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान का है. मंच पर सियासत के दिग्गजों का जमावड़ा था. इस बीच ही वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक सत्यनारायण शर्मा भाषण देने मंच पर आए, तो उन्होंने चुटकी लेने में कोई गुरेज नहीं किया. चुटीले अंदाज में दो टूक कहा कि मुख्यमंत्री ने शहर को सुव्यवस्थित बनाने पीडब्ल्यूडी मंत्री को निर्देश दिया था. पीडब्ल्यूडी मंत्री यहां बड़ा कार्यक्रम करा रहे हैं, 680 करोड़ रूपए की योजनाओं के शिलान्यास का, लेकिन श्रीचंद सुंदरानी ने इस 680 करोड़ रूपए में से 400 करोड़ रूपए में अकेले ही हाथ मार दिया.

 

सत्यानारायण शर्मा यहीं नहीं रूके, उन्होंने मंच से कहा कि तराजु में संतुलन होना चाहिए, बाकी के तीन विधायकों को भी थोडा-थोडा़ मिलना चाहिए. चार बेटों में से एक ही बेटों को खिलाया जाएगा, तो ज्यादा खाने से उल्टी हो जाएगी. दरअसल सत्यनारायण शर्मा का इशारा रायपुर की चार विधानसभा सीटों को लेकर था. उन्होंने कहा कि दूसरों के लिए भी कुछ बचना चाहिए. उनका भी ध्यान देना चाहिए. सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि श्रीचंद सुंदरानी के क्षेत्र में अच्छा काम हो रहा है, लेकिन दूसरे क्षेत्रों का विकास प्रभावित ना हो इसका ध्यान रखना चाहिए.

 

सत्यनारायण शर्मा आज बड़े मूड में थे, उन्होंने अपने भाषण में कहा कि राजेश मूणत, बृजमोहन अग्रवाल  की सोच बहुत बड़ी है, लेकिन इससे बड़ी सोच श्रीचंद सुंदरानी की है. इसलिए उन्होंने  400 करोड़ रुपये अकेले अपने क्षेत्र में ले लिया.

 

इधर सत्यनारायण शर्मा के बाद भाषण देने आए बीजेपी सांसद रमेश बैस ने कहा कि-  किसी भी विधानसभा में विकास का काम होता है,  तो मैं कहता हूं कि मेरे लोकसभा में काम हो रहा है. मेरे पास झगड़ने का मौका नहीं है. उन्होंने कहा कि सत्यनारायण शर्मा कह रहे थे, इस विधायक को ज्यादा काम मिला, उसको कम काम मिला। असल में जो ज्यादा खाता है, उसको उल्टी हो जाताी है।  जो पहले से खा गया हो, उसको काहे उल्टी करने दे. जो नहीं खाया है, उसे हम खाने का मौका दे रहे हैं.

 

कार्यक्रम के समापन के दौरान जाते-जाते मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह भी चुटकी लेने में पीछे नहीं रहे. उन्होंने रायपुर की जनता को धन्यवाद दिया कि तीन विधायक बीजेपी को दिए. उन्होंने कहा कि सत्यनारायण शर्मा को भी जनता ने मौका दिया है, क्योंकि पूजा-पाठ के लिए भी कोई चाहिए.