नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक बड़े फैसले में एक सरकारी कर्मचारी या नौकरशाह को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त करने पर पाबंदी लगाई है. कोर्ट ने इस तरह की नियुक्ति को संविधान के अनुच्छेद 243 (के) को आघात बताया है.

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला शुक्रवार को गोवा में स्थानीय निकाय चुनाव के मद्देनजर की गई नियुक्ति को लेकर फैसला देते हुए गोवा सरकार को स्वतंत्र चुनाव आयुक्त नियुक्त करने का आदेश दिया है. गोवा सरकार ने राज्य चुनाव आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार राज्य के विधि सचिव को दिया था.

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने नगरपालिका आरक्षण के संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह अगले 10 दिनों के भीतर मोरमुगाओ, मडगांव, मापुसा, क्यूपेम और सुंगेम नगरपालिकाओं के आरक्षण को अधिसूचित करे. इसने राज्य चुनाव आयोग को 30 अप्रैल तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का भी निर्देश दिया.