नई दिल्ली. केंद्र सरकार के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने सोमवार को एक बैठक की और कहा कि वह मार्च में सौंपी गई रिपोर्ट के भविष्य की घोषणा करने के लिए मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी. सुबह दिल्ली पहुंचे महाराष्ट्र के शेतकारी संगठन के नेता अनिल घानावत ने पैनल के एक अन्य सदस्य कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी के साथ बैठक की.

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में तीन कृषि कानूनों पर किसानों के साथ विचार-विमर्श के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी, जिसमें घानावत, गुलाटी के अलावा तीसरे सदस्य पी.के. जोशी शामिल हैं. समिति ने व्यापक परामर्श के बाद मार्च में रिपोर्ट पेश की थी. हालांकि, उसके बाद से न तो शीर्ष अदालत ने समिति की किसी सिफारिश का इस्तेमाल किया और न ही रिपोर्ट को सार्वजनिक किया. घानावत ने सितंबर में भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश को रिपोर्ट जारी करने के लिए पत्र लिखा था, ताकि इसकी सिफारिशों का उपयोग किसानों के आंदोलन को हल करने के लिए सरकार द्वारा किया जा सके. सरकार ने किसानों के साथ कई दौर की बातचीत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला.

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आखिरकार शुक्रवार को जब प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रकिया शुरू किए जाने की घोषणा की, तो घानावत ने इस फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया था और गुलाटी ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री द्वारा घोषित समिति के परामर्श की प्रतीक्षा करेंगे.