नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की दुष्कर्म के मामले में फैसले पर पुनर्विचार की याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि भले ही मामले की सुनवाई गुजरात से बाहर महाराष्ट्र में हुई हो, लेकिन गुजरात सरकार को दोषियों की समय से पूर्व रिहाई के मामले में फैसला लेने का अधिकार है. इसे भी पढ़ें : CG BREAKING : करंट लगने से दो बच्चों की मौत, गांव में पसरा मातम

बिलकिस बानो ने याचिका के जरिए 2002 में उसके साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए 11 लोगों की जल्द रिहाई को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि इस मामले का पूरा ट्रायल महाराष्ट्र में चला है, और वहां की रिहाई नीति के तहत ऐसे घृणित अपराधों में 28 सालों से पहले रिहाई नही हो सकती है. वहीं मई 2022 में जस्टिस अजय रस्तोगी ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि गुजरात सरकार 1992 की रिहाई नीति के तहत दोषियों की रिहाई पर विचार कर सकती है.

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गुजरात सरकार ने दोषियों को दी थी माफी 

बता दें कि इसी 15 अगस्त को गुजरात सरकार ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी ग्यारह दोषियों को माफी देते हुए रिहा कर दिया था. सरकार के फैसले पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल और सिविल सोसायटी के संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए गुजरात सरकार की जोरदार निंदा की थी. 

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