रायपुर. बिलासपुर हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत आवेदन में प्रस्तुत अंतरिम आवेदन को लगातार खारिज करने और ड्यू कोर्स में डाले जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक तिवारी को जुडीशियल नोटिस जारी किया है. इसमें एक अंतरिम जमानत आवेदन की सुनवाई में देरी को लेकर नाराजगी जताई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि छोटे केस को जल्द निपटाने चाहिए.

दरअसल, राजनांदगांव जिले के छुईखदान के पटवारी तुलसीराम पर उसके भांजे लोकेश कुमार ने उसकी जमीन हड़पने का आरोप लगाया था. इस मामले की शिकायत लोकेश ने पुलिस से की थी. इसके बाद पुलिस ने पटवारी के खिलाफ धारा 420 के तहत केस दर्ज किया था, मगर पटवारी ने गिरफ्तारी से बचने लोवर कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

वहीं लोवर कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद पटवारी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी. साथ ही अंतरिम जमानत आवेदन भी लगाया था. इस अंतरिम जमानत आवेदन में सरकारी कर्मचारी होने के नाते अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई तक अपनी बेल की मांग की थी, इस पर जस्टिस दीपक तिवारी की बेंच को सुनवाई करनी थी. इस पर सुनवाई करते हुए दीपक तिवारी ने अंतरिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया और कहा कि नंबर आने पर ( ड्यू कोर्स) सुनवाई होगी.

जस्टिस दीपक ने यह भी कहा कि ये मामला कोई महत्वपूर्ण मामला नहीं है, जिस पर तुरंत सुनवाई की जा सके. इसके बाद पटवारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. फिर सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई और पटवारी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. इसके साथ ही शासन से जवाब मांगा था. बाद में पटवारी की अग्रिम जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में जस्टिस रजनी दुबे की बेंच में सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे अग्रिम जमानत भी दे दी थी. दोनों जगह से राहत मिलने के बाद पटवारी वापस सुप्रीम कोर्ट केस वापस लेने गया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बी.वी नागरथ्ना की बेंच ने जस्टिस दीपक तिवारी को जुडीशियल नोटिस करने फैसला लिया है.