Surkanda Devi Temple Uttarakhand: नवरात्रि का पर्व आते ही देशभर के देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगती है. इस दौरान श्रद्धालु शक्ति पीठों और सिद्ध स्थलों की ओर रुख करते हैं. उत्तराखंड का सुरकंडा देवी मंदिर भी उन्हीं पवित्र स्थानों में से एक है, जहाँ नवरात्रि पर विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं और दूर-दराज़ से भक्त माता के दर्शन के लिए पहुँचते हैं.
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कहाँ स्थित है सुरकंडा देवी मंदिर?
सुरकंडा देवी का मंदिर उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित है. यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 2700 मीटर की ऊँचाई पर एक पहाड़ी चोटी पर बना हुआ है. यहाँ पहुँचने के लिए मुख्य सड़क से लगभग 2 किलोमीटर का पैदल रास्ता तय करना पड़ता है. ऊँचाई से दिखने वाला हिमालय का दृश्य, हरे-भरे जंगल और चारों ओर का शांत वातावरण इस जगह को और भी पवित्र बना देता है.
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मंदिर क्यों है लोकप्रिय? (Surkanda Devi Temple Uttarakhand)
- यह मंदिर शक्ति पीठों में गिना जाता है.
- यहाँ से आसपास की बर्फ से ढकी चोटियों का सुंदर नजारा दिखाई देता है.
- नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष मेले और धार्मिक आयोजन होते हैं.
- श्रद्धालुओं का विश्वास है कि सुरकंडा देवी सभी दुख दूर करती हैं और मनोकामनाएँ पूरी करती हैं.
देवी सुरकंडा कौन हैं?
सुरकंडा देवी को मां दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है. इन्हें शक्ति और साहस की देवी कहा जाता है. भक्तों का विश्वास है कि माता अपने श्रद्धालुओं की रक्षा करती हैं और उन्हें शक्ति प्रदान करती हैं.
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धार्मिक कथा और पौराणिक मान्यता (Surkanda Devi Temple Uttarakhand)
पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव माता सती के शरीर को लेकर शोक में भ्रमण कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया था. माना जाता है कि जहाँ-जहाँ माता सती के अंग गिरे, वहाँ शक्ति पीठ बने.
कथाओं के अनुसार, माता का सिर (शिर) इसी स्थान पर गिरा था, जिसके कारण इस स्थान का नाम सुरकंडा देवी मंदिर पड़ा. इसी वजह से यह मंदिर शक्ति पीठों में विशेष स्थान रखता है.
स्थानीय लोगों की आस्था और विश्वास
- स्थानीय लोग इस मंदिर को अपनी रक्षा का केंद्र मानते हैं.
- खेती-बाड़ी और घर-परिवार की सुख-शांति के लिए लोग नियमित रूप से माता की पूजा करते हैं.
- किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले यहाँ आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है.
- नवरात्रि पर यहाँ गाँव-गाँव से लोग एकजुट होकर माता के दरबार में पहुँचते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं.
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नवरात्रि में खास आयोजन (Surkanda Devi Temple Uttarakhand)
नवरात्रि के नौ दिनों तक मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया जाता है. सुबह-शाम माता की आरती और दुर्गा सप्तशती का पाठ होता है. इस दौरान मंदिर परिसर में भक्ति और आस्था का अनोखा वातावरण देखने को मिलता है.
सुरकंडा देवी मंदिर न केवल पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय लोगों की गहरी आस्था और विश्वास का भी प्रतीक है. नवरात्रि पर यहाँ दर्शन करना भक्तों के लिए बेहद शुभ और पुण्यदायी माना जाता है.
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