नई दिल्ली. महाराष्ट्र में आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव को भाजपा के लिए बड़ी मुश्किल का सबब बन सकते हैं. ताजा रिपोर्ट के अनुसार आगामी दोनों ही चुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार विधानसभा चुनाव में 121 भाजपा विधायकों को हार का मुंह देखना पड़ सकता है. जबकि लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रदेश में 40 फीसदी सीटों पर हार का सामना करना पड़ सकता है. यह ताजा आंकड़े पिछले साढ़े चार साल के भाजपा के कार्य को देखते सामने आया है.

दिल्ली स्थित एजेंसी चाणक्या ने लोगों के बीच सर्वे कराया है जिसमे लोगों से उनके क्षेत्र के प्रतिनिधियों के काम को रेट करने के लिए कहा गया था, जिसमे सांसद और विधायक दोनों शामिल थे. लोगों से कहा गया था कि काम के आधार पर आप अपने प्रतिनिधियों को रेट करिए कि क्या आप उनके काम से खुश हैं या नाखुश. लोगों को तीन विकल्प दिए गए थे, पहला कि क्या वह अपने प्रतिनिधि से खुश हैं, या फिर वह दूसरा प्रतिनिधि चुनेंगे, या फिर वह मौजूदा प्रतिनिधि को ही अपना वोट देंगे.

देर रात तक चली बैठक

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा यूनिट ने आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बैठक की है, जिसमें चुनाव की रणनीति को लेकर बातचीत की गई है. यह बैठक मुंबई के दादर स्थित भाजपा कार्यालय में की गई थी, जिसमें पार्टी का सांसद और विधायक शामिल हुए थे. इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की थी जोकि देर रात तक चली थी. बैठक के दौरान चुनाव से जुड़े तमाम मुद्दों पर बात की गई.

पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में भाजपा सांसदों और विधायकों को सर्वे की रिपोर्ट सौंपी गई थी, जोकि बंद लिफाफे में थी. भाजपा विधायकों का कहना है कि उन्हें इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि इस जानकारी को लोगों के बीच साझा नहीं करें. भाजपा के अंदरूनी सूत्र के अनुसार केंद्रीय मंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे को सिर्फ 19 फीसदी अंक मिला. हालांकि भामरे ने इस रिपोर्ट कार्ड से इनकार किया है और दावा किया है कि उन्हें 50 फीसदी स्कोर मिला है. इसके अलावा रक्षा खड़से की रेटिंग भी सबसे खराब है.