सुनील शर्मा, भिंड। आबकारी एक्ट में भिंड जेल में बंद कैदी की संदिग्ध मौत (Suspicious death of prisoner lodged in Bhind Jail)  हो गई है। बुधवार देर रात तबीयत बिगड़ने पर इलाज के लिए अस्पताल ले जाते समय कैदी की मौत हो गई। वहीं कैदी की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने एसपी ऑफिस का घेराव किया। परिजन कुख पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगा रहे थे। मानव अधिकार आयोग के निर्देश पर मामले की जूडिशियल जांच शुरू हो गई है। वहीं सब इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिसकर्मियों को भिंड एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान (Bhind SP Shailendra Singh Chauhan) ने निलंबित कर दिया है। 

दरअसल दो दिन पहले 7 दिसम्बर को उमरी थाना पुलिस ने अकहा गांव से ब्रिजेन्द्र जाटव को 30 हज़ार क़ीमत की 12 पेटी अवैध शराब के साथ पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। आबकारी एक्ट की धाराओं में न्यायालय में पेश कर गोहद जेल भेज दिया गया था। लेकिन बुधवार रात में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसे गोहद अस्पताल के ज़ाया गया, उसकी गम्भीर हालत को देखते हुए उसे ग्वालियर भी रेफर कर दिया गया।अस्पताल में इलाज शुरू होने से पहले उसने दम तोड़ दिया।

घटना की जानकारी सामने आने के बाद से ही ज़िले के ऊमरी और गोहद में तनाव की स्थिति बन गई। जिसके चलते हालत बेक़ाबू ना हो ज़िले के पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी दोनों जगह इकट्ठा हो गए। शांति व्यवस्था बनाने की कोशिश की। वहीं इस घटना की जानकारी लगने पर मृतक के परिजन भी ग्वालियर पहुंचे तब जाकर न्यायिक दृष्टि से एक मजिस्ट्रेट के सामने वीडियो ग्राफ़ी के साथ पोस्टमार्टम किया गया।

परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया 
वहीं पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए भिंड पहुँचकर एसपी कार्यालय का घेराव किया। पीड़ित परिजनों ने बताया की पुलिस ने फ़र्ज़ी केस बनाकर ब्रिजेन्द्र को गिरफ़्तार किया था। उसकी पत्नी ने बताया की सात दिसम्बर को सुबह 11 बजे वह घर में था। उसी दौरान ऊमरी थाने से पांच पुलिसकर्मी घर आए और उसे मारपीट करते हुए अपने साथ ले गए। बाद में उसके ख़िलाफ़ शराब बिक्री का फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया।

पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज की मांग 

मृतक की पत्नी ने यह भी आरोप लगाया कि वह मंगलवार और बुधवार को पति से  मिलने गई थी, लेकिन उसे गाली गलौज कर भगा दिया गया। मिलने भई नहीं दिया गया। गुरुवार सुबह सात बजे पति की मौत की खबर आई। आरोप है कि ज़्यादा मारपीट की वजह से उसके पति की मौत हुई है। इसलिए पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।

मामले ने राजनीतिक रुप लिया 

इस पूरे मामले ने राजनीतिक रुख़ भी ले लिया है।  बसपा नेता दिलीप बौध और बसपा विधायक घेराव के बीच पहुंचे। मृतक की पत्नी के साथ एसपी से मुलाक़ात की। दिलीप बौध ने बताया कि पुलिस अभिरक्षा में मारपीट कर उसकी जान ली गई है। ऐसे में दोषियों पर कार्रवाई होने के साथ ही पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मुआवज़ा राशि भी दिलायी जाए। वहीं भिंड से बसपा विधायक ने भी पुलिस अधीक्षक से मामले में जल्द और न्यायोचित कार्रवाई की मांग रखी।

जूडिशियल जांच कराई जा रही

इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया की आरोपी मृतक की गिरफ़्तारी बाद ही उसे न्यायालय पेश किया गया था। साथ ही मेडिकल चेकप भी कराया था। जिसमें पैर हल्की सूजन का ज़िक्र था, जो भागने की वजह से होगी। इसके अलावा किसी तरह की परेशानी नहीं थी। रात में गोहद जेल से सूचना मिली कि उसकी तबीयत बिगड़ गई है। उसे अस्पताल ले जाना है। बाद में उसे ग्वालियर रेफर किया गया था। उसकी मौत न्यायिक अभिरक्षा में हुई है, इसलिए मानव अधिकार आयोग (Human Rights Commission)  के निर्देशानुसार जूडिशियल जांच कराई जा रही है। साथ ही परिजन के आरोप को आधार मानते हुए जांच की निशपक्षता के लिए ऊमरी थाने में पदस्थ एक एसआई और दो आरक्षकों को भी लाइन अटैच किया है।मृतक ब्रिजेन्द्र पर यह पहला मामला दर्ज नहीं है। वह आदतन अपराधी था। इससे पहले भी उसपर हत्या समेत कुल आठ मामले दर्ज हैं।

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