दिल्ली. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ कार्यालय में लगी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. बसपा से भाजपा में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने जिन्ना को भारत का महापुरुष बताकर अब नई मुसीबत मोल ली है. संत महासभा और अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने यूपी के मंत्री के बयान को राष्ट्रद्रोह करार दिया है.
इस मामले को लेकर स्वामी चक्रपाणि महाराज ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकार की है. इस मुलाकात के दौरान चक्रपाणि ने राजनाथ को एक पत्र भी सौपा है जिसमें चक्रपाणि ने राजनाथ से कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या को पद से हटाते हुए उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला चलाये जाने की मांग की है.
स्वामी चक्रपाणि महाराज द्वारा राजनाथ सिंह को सौपे पत्र में लिखा गया है…
”उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिस प्रकार देश विभाजन के जिम्मेदार मोहम्मद अली जिन्ना को महापुरुष बता कर अपना राष्ट्रद्रोही होने का प्रमाण दिया है. उनको अब संवैधानिक मंत्री पद पर रहना न सिर्फ संविधान का अपमान है बल्कि देश के लिए शहीद हुए महापुरुषों का भी अपमान है”.
आगे चक्रपणि ने लिखा है ”सर्वविदित है कि मोहम्मद अली जिन्ना ने हीं भारत के न सिर्फ टुकड़े कर आए बल्कि अपनी ओछी राजनीति हेतु लाखों हिंदू-मुस्लिमों का नरसंघार भी कराया था. जो न सिर्फ जिन्ना हमारे देश के लिए राष्ट्रद्रोही हैं, बल्कि मानव द्रोही भी हैं”.
चक्रपाणि ने कहा ”आपको ज्ञान कराना उचित होगा कि स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी गौरी गणेश पर बदजुबानी कर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा चुके हैं. अब जिन्ना को महापुरुष बताकर देश के लिए बलिदान हुए शहीदों का अपमान किया है”.
पत्र के अंत में चक्रपाणि ने लिखा है ”अतः आपसे निवेदन है कि राष्ट्रहित में अभिलंब कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ राष्ट्रद्रोह में कानूनी कार्रवाई हेतु संबंधित एजेंसी को निर्देशित करें”
बतादें कि बसपा से भाजपा में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने कानपुर में कहा था कि जिन्ना भारत के महापुरुष हैं. गौरतलब है कि भाजपा सांसद सतीश गौतम ने दो दिन पहले ही एएमयू के कुलपति को पत्र लिखकर पूछा था कि आखिर छात्रसंघ कार्यालय में देश के बंटवारे के जिम्मेदार जिन्ना की तस्वीर क्यों लगाई गई है.