मुंगेली। समाज से बहिष्कृत व्यक्ति की बेटी के विवाह में जब समाज के लोगों ने शामिल होने से मना कर दिया, तब उसकी शादी सामाजिक कार्यकताओं ने मुंगेली कांपा फुंदवानी में संविधान की शपथ दिला कर सम्पन्न कराई ,जिसमें आस पास के सैकड़ों ग्रामीणों ने हिस्सा लेकर वर वधू को आशीर्वाद दिया.

डॉ. दिनेशमिश्र ने बताया कि ग्राम रौंदा थाना धमधा के चंद्रप्रकाश बांधे की पुत्री का विवाह सोनू चौहान नामक युवक से तय हुआ था. अनिता जन्म से ही नेत्रहीन है, इसलिए उसका विवाह समाज में नहीं हो पा रहा था. उसके परिवार ने उपयुक्त वर मिलने पर उसका विवाह सोनू राजपूत नामक युवक से तय किया, जिससे नाराज होकर उनके समाज के पदाधिकारियों ने चंद्रप्रकाश बांधे का समाज से बहिष्कार कर दिया.

इतना ही नहीं वापस शामिल करने के लिए 1 लाख रुपये और सामूहिक भोज देने के शर्त रखी. अनिता के पिता एक छोटी सी दुकान चलाते हैं और वे इस प्रकार आर्थिक दंड देने में असमर्थ थे. उन्होंने अपनी परेशानी सामाजिक कार्यकताओं को बताई, तब लोक समता शिक्षण समिति के माध्यम से संवैधानिक आदर्श विवाह करने का अभियान के अंतर्गत अनीता बांधे जो कि युवती एवं सोनू सिंह चौहान युवक का हलफनामायुक्त आवेदन तथ्यान्वेषण पश्चात सभी बातें कानून सम्मत पाए जाने पर उनका विवाह सैकड़ों जन समुदाय के बीच ग्राम फंदवानी कापा तहसील मुंगेली जिला मुंगेली छत्तीसगढ़ में संपन्न हुआ.

LS3 के अध्यक्ष लखन सुबोध द्वारा संविधान ग्रंथ को साक्षी मानकर उन्हें वैवाहिक शपथ दिलाया. लड़की के परिजन और भारी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे जो कि पुष्प वर्षा के साथ दंपत्ति को स्वेच्छिक आर्थिक अंशदान प्रदान किए. डॉ दिनेश मिश्र ने बताया चंद्रप्रकाश बांधे ने सामाजिक बहिष्कार के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी दी है.

बताया है कि उनका हुक्का पानी बंद कर दिया गया सामाजिक के सार्वजनिक कार्यक्रम व निजी आयोजनों में भी उन्हें अब नहीं बुलाया जाता और उसकी रोजी रोटी पर पर भी विपरीत असर पड़ रहा है. डॉ दिनेश मिश्र ने कहा सामाजिक बहिष्कार मानवाधिकार के खिलाफ है ,और किसी भी परिवार का इस प्रकार हुक्का पानी बंद करना, प्रताड़ित करना अनुचित है. प्रशासन को दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई करनी चाहिए और प्रदेश में सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ सक्षम कानून बनना चाहिए.

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