रामकुमार यादव, अंबिकापुर. खाद्य व संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने संवेदनशीलता दिखाते हुए बाल संरक्षण गृह से एक बच्चे को छुड़ाने का निर्देश दिया है. इसके लिए एक टीम गठित की गई है. टीम मौके के लिए जल्द ही रवान होगी. दरअसल, सीतापुर का एक बालक मनोज पावले किसी गलतफहमी की वजह से सेलम बाल संरक्षण गृह पहुंच गया है. मामले को संज्ञान में लेते हुए उन्होंने पता किया कि मनोज पावले पिता भोलाराम पावले, निवासी सीतापुर अपने चाचा के साथ चेन्नई में निर्माण साइट पर गया था. वहां पुलिस द्वारा उसे बाल श्रमिक समझ कर पकड़ लिया गया.

जानकारी के अभाव में पुलिस ने उसे तुरंत सेलम के बाल संरक्षण गृह भेज दिया. यह मालूम होने पर उन्होंने संवेदनशीलता दिखाई और तत्काल सरगुजा जिला के पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर एवं श्रम अधिकारी से बात की. भगत ने इस मामले की गंभीरता को समझा और तत्परता दिखाते हुए तुरंत एक बचाव दल गठित किया, जो जल्द ही सेलम के लिये रवाना होगी. ऐसा कम देखने को मिलता है कि मंत्री पद पर बैठकर कोई ज़मीनी स्तर की परेशानियों को समझे.

सीतापुर के लोगों ने मंत्री भगत की विनम्रता व संवेदनशीलता की तारीफ की. यह संभावना जताई जा रही है कि बचाव दल द्वारा काग़ज़ी कार्यवाही पूर्ण कर जल्द ही मनोज को उनके परिजनों तक पहुंचा दिया जाएगा. अमरजीत भगत की तत्परता व संवेदनशीलता से मनोज पावले तक मदद पहुंच रही है, यह जानकर मनोज के परिजनों ने राहत की सांस ली है.