लड़कियां दरिंदों से वैसे भी सुरक्षित नहीं है, लेकिन अब तो वो पढ़ाने वाले शिक्षक के हाथों भी सुरक्षित नहीं है. जिस शिक्षा के मंदिर में शिक्षा गृहण की जाती है वहीं शिक्षक अब अपनी छात्रा के साथ रंगरलिया बनाना चाहता है. इससे ज्यादा दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है ? अब क्या माता-पिता अपने बच्चियों को पढ़ाने भी दें ? ऐसे शिक्षकों के साथ क्या करना चाहिए ये आप ही तय कीजिए ?

दिनेश कुमार द्विवेदी,कोरिया। जिले के मनेंद्रगढ़ में संचालित शासकीय महाविद्यालय में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य करने वाले एक शिक्षक ने जिस तरह की करतूत को अंजाम दिया है, उसे लेकर महाविद्यालय पढ़ने वाले छात्रों में काफी आक्रोश है. इस मामले में छात्रों ने महाविद्यालय प्रबंधन से आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है.

फेसबुक मैसेंजर में दी रेप की धमकी

इस संबंध में NSUI छात्र संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि महाविद्यालय की एक छात्रा ने उन्हें एक मैसेज भेज कर बताया कि महाविद्यालय में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षक दुर्गेश तिवारी ने उसके मैसेंजर में अपशब्दों का प्रयोग किया जा रहा है. अश्लील बातों के साथ ही साथ आरोपी शिक्षक द्वारा उससे बलात्कार करने की धमकी दी जा रही है. यही नहीं जब छात्रा ने इस बात का विरोध किया और कहा कि वह पूरी बात की जानकारी पुलिस थाने में और अपने परिवार के लोगों को दे देगी, तो शिक्षक ने यहां तक कह दिया कि वह उल्टे उसे ही फ़ंसा देगा.

गुरु शिष्य का रिश्ता हुआ शर्मसार

आरोपी शिक्षक से छात्रा लगातार गुरु शिष्य के संबंधों की दुहाई देती रही, लेकिन शिक्षक तो जैसे गंदी हरकत पर उतर आया. उसने छात्रा को कॉलेज के बाहर मिलने को कहा. जब छात्रा ने शिकायत की बात कही तो शिक्षक ने कहा कि जिसने भी उसकी बात मानने से इनकार किया तो वह कहीं का नहीं बचा. शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षक की करतूतों के चलते पूरा शिक्षक जगत शर्मसार हुआ है.

इस बारे में जब हमने महाविद्यालय प्राचार्य आनन्दा गुप्ता से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि इस मामले को महाविद्यालय अनुशासन समिति के समक्ष रखा गया है. समिति कल अपनी रिपोर्ट देगी. वहीं इस बारे में शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के सदस्य रवि जैन ने बताया कि उनके पास छात्र द्वारा मैसेंजर किया गया था. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी मनेन्द्रगढ़ पुलिस थाना में लिखित रूप से दे दी है. वहीं जैन ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले में महाविद्यालय प्रबंधन को सख्त रवैया अपनाना चाहिए जिससे छात्राएं बिना किसी भय के महाविद्यालय आ सके.