विद्यालय शिक्षा का घर होता है. यहां हर बच्चा अपने उज्जवल भविष्य के लिए आता है. लेकिन कई बार स्कूल में कुछ ऐसा होता है जिसपर यकिन करना मुश्किल होता है. हाल ही में शिक्षकों की बड़ी लापरवाही का एक मामला सामने आया है. आठवीं बोर्ड की परीक्षा देने आए एक छात्र को विद्यालय में शिक्षक-कर्मी एक कमरे में बंद कर घर चले गए. देर रात तक जब छात्र घर नहीं पहुंचा तो उसकी तलाश में स्कूल पहुंचे उसके परिजनों ने किसी तरह उसे कमरे से बाहर निकाला.

बता दें कि ये पूरा मामला झारखंड के पाकुड़ जिला अंतर्गत अमड़ापाड़ा स्थित कन्या मध्य विद्यालय का है. इस मामले के उजागर होते ही जिला शिक्षा अधीक्षक ने मामले की जांच का निर्देश दिया है. बताया गया कि पचुआरा मिडिल स्कूल के आठवीं बोर्ड के परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र दस किलोमीटर दूर अमड़ापाड़ा कन्या मध्य विद्यालय में बनाया गया है. पचुआरा निवासी छात्र जूलियस मुर्मू परीक्षा में शामिल होने पहुंचा तो उसकी तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद स्कूल के एक शिक्षक ने छात्र के घर फोन कर इसकी जानकारी देने की कोशिश की, लेकिन भाषा की समस्या के कारण घर के लोग उनकी बात नहीं समझ पाए.

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इधर परीक्षा देते हुए छात्र अचेत हो गया, लेकिन इसपर किसी शिक्षक ने नोटिस नहीं लिया. परीक्षा समाप्त हुई तो सभी शिक्षक-कर्मी स्कूल के सभी कमरों में ताला बंद कर चले गए. शाम के वक्त तक जब जूलियस घर नहीं पहुंचा, तो उसकी तलाश शुरू हुई. उन्होंने स्कूल शिक्षक के नंबर पर कई बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. रात लगभग साढ़े आठ बजे घर के लोग स्कूल पहुंचे, पर वहां कोई नहीं था. उन्होंने एक-एक कर सभी कमरों में खिड़कियों से झांका, तो एक कमरे में जूलियस अचेत स्थिति में पाया गया. उसे किसी तरह वहां से निकालकर इलाज के डॉक्टर के पास ले जाया गया.

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शिक्षकों-कर्मियों की लापरवाही के इस मामले पर जिला शिक्षा अधीक्षक दुर्गा नंद झा के निर्देश पर स्कूल की प्रधानाध्यापिका सहित सभी शिक्षकों को शो-कॉज नोटिस जारी किया है. डीएसई ने कहा है कि मामले में दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.