ब्रिसबेन के गाबा मैदान पर 328 रनों का विशाल लक्ष्य हासिल करते ही टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया. इस मैच में खेलने वाले हर खिलाड़ी का नाम इतिहास में दर्ज हो गया.

लेकिन अब सोशल मीडिया में इस मैच में खेलने वाले खिलाड़ियों की कहानी खूब देखी जा रही है. इन्हीं खिलाड़ियों में से एक है बॉलर टी नजराजन. (विवादों से जुड़ा ये वीडियो देखने यहां क्लिक करें)

आप इस खिलाड़ी के बारे में जानकर हैरान होंगे कि उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए कितना खून-पसीना बहाया होगा. केवल इस खिलाड़ी ने ही नहीं बल्कि उनके माता-पिता ने भी.

तेज गेंदबाज टी नटराजन का अंतरराष्ट्रीय टीम तक पहुंचने के पीछे एक लंबा संघर्ष रहा है. एक वक्त था जब उनकी मां सड़क किनारे स्टॉल लगाती थीं और मुंर्गियां बेचती है. वहीं पिता रेलवे स्टेशन पर मजदूरी का काम करते थे. उस वक्त नटराजन के पास क्रिकेट किट तक के पैसे नहीं होते थे. वह क्रिकेट टेनिस बॉल से खेला करते थे.

नटराजन की पूरी कहानी, सुने उन्ही की जुबानी

फिर नटराजन ने चेन्नई पहुंचे और जॉली रोवर्स जैसे बड़े क्लब के लिए क्रिकेट खेलना शुरू किया. इस क्लब के लिए आर. अश्विन और मुरली विजय जैसे बड़े खिलाड़ी खेल चुके थे. यहीं से नटराजन की किस्मत ने पलटी मारी. टीएनपीएल (तमिलनाडु प्रीमियर लीग) में कामयाब प्रदर्शन ने उन्हें खूब लोकप्रियता दिलाई.

इसके बाद नटराजन को रणजी ट्रॉफी 2015-16 के लिए चुना गया. उनकी गेंदबाजी क्षमता को देखते हुए उन्हें तमिलनाडु का मुस्तफिजुर रहमान कहा जाने लगा. अच्छे प्रदर्शन के बदौलत उनकी आईपीएल में एंट्री हुई.  उन्होंने आईपीएल-13 सत्र में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हुए 16 मैचों में 16 विकेट झटके. इस प्रदर्शन पर उन्हें भारत की टी-20 टीम में शामिल किया गया था. इसके साथ ही वनडे टीम में भी उनको शामिल किया गया था.