रायपुर. सूबे की सरकार के सुशासन राज में सक्ती जिले के तहसीलदार कुशासन का नारा बुलंद करते दिख रहे हैं. दरअसल सोशल मीडिया पर सक्ती जिले का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें जमीन विवाद से जुड़े एक मामले के निपटारे के लिए तहसीलदार कथित तौर पर रिश्वत की मांग कर रहा है. बताया जा रहा है कि रिश्वत की यह रकम तहसीलदार ने अपने ड्राइवर के फोन पे पर लिया है. लल्लूराम डॉट कॉम के पास यह वायरल वीडियो मौजूद है.
दिलीप चंद्रा नाम के एक शिक्षक की जमीन विवाद से जुड़ा यह पूरा मामला है. बताया जा रहा है कि सक्ती जिले के जैजैपुर तहसील के तहसीलदार नंदकिशोर सिन्हा ने शिक्षक के पक्ष में आदेश पारित करने के लिए रिश्वत की मांग की थी. वीडियो को देखकर यह लग रहा है कि दिलीप चंद्रा ने ही इसे अपने मोबाइल पर कैद किया है. वीडियो में तहसीलदार का घर दिख रहा है, जहां शिक्षक रिश्वत की रकम देने के लिए गया था. तहसीलदार का कर्मचारी (जिसे ड्राइवर बताया गया है) ने अपने फोन पे खाता पर यह रक़म ली है. कर्मचारी का नाम दुर्गेश सिदार है, जिसके फोन पर रिश्वत की रकम भेजी गई है. लल्लूराम.काम के पास दुर्गेश सिदार के फोन पे पर भेजी गई रिश्वत की रकम का स्क्रीन शाट मौजूद है.


इस वायरल वीडियो में आखिर है क्या?
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में शिक्षक तहसीलदार के घर पर मौजूद है. वायरल वीडियो में तहसीलदार की आवाज कैद हुई है, जिसमें वह यह कहते सुनाई पड़ रहा है कि ‘सेवा शुल्क’ कहा है? इसके जवाब में शिक्षक कह रहा है कि ‘लाया हूं सर’. इसके बाद तहसीलदार के कर्मचारी के फोन पे खाता पर रकम की लेनदेन का जिक्र है. फोन पे पर पहले 15 हजार रुपए और फिर 5 हजार रुपए भेजे गए हैं. इसी वायरल वीडियो में तहसीलदार अपने घर के बिस्तर पर लेटा नजर आ रहा है. वायरल वीडियो में तहसीलदार शिक्षक से यह पूछ रहा है कि ‘तैयारी के साथ आए हो ना?’. इसके बाद तहसीलदार कुछ दस्तावेज कथित शिक्षक को पढ़ने दे रहा है, जिस पर कथित शिक्षक द्वारा कुछ संशोधन की बात कही जा रही है, जिसके बाद तहसीलदार अपने घर पर ही लैपटाप पर बैठकर बताया गया संशोधन रिकार्ड में दुरुस्त करता दिखाई पड़ रहा है.
भनक लगने पर भेजा जेल
वायरल वीडियो के परीक्षण के दौरान यह जानकारी मिली है कि तहसीलदार को इस बात की भनक लग गई कि कथित तौर पर शिक्षक ने पूरी बातचीत का वीडियो बना लिया है. इसके बाद तहसीलदार ने शिक्षक की तहसील दफ्तर में पेशी तलब कर दी. बताते हैं कि वीडियो बनाए जाने की भनक लगने के बाद तहसीलदार ने कथित शिक्षक पर यह लिखकर दबाव बनाने का प्रयास किया कि वह यह लिखकर दे कि उसने किसी तरह का वीडियो नहीं बनाया है. बताते हैं कि तहसीलदार ने यह फरमान दे दिया कि जब तक वह लिखित रूप में यह लिखकर नहीं देगा, तब तक उसके प्रकरण की पेशी नहीं होगी. कथित तौर पर वीडियो बनाने वाले शिक्षक ने जब तहसील दफ्तर में पेशी नहीं लिए जाने पर सवाल उठाया, तब तहसीलदार ने डायल 112 पर फोन कर शिक्षक को हिरासत में लिए जाने की शिकायत कर दी. वायरल वीडियो में तहसीलदार डायल 112 पर फोन कर यह कहता दिखाई पड़ रहा है कि दिलीप चंद्रा और मनीष नाम का व्यक्ति न्यायालय की कार्यवाही को बाधित कर विवाद कर रहे हैं. बताते हैं कि तहसीलदार की इस शिकायत के बाद दिलीप और मनीष नाम के व्यक्ति को जेल भेज दिया गया.
यह उसका इल्जाम है, वीडियो देख लीजिए, कहीं कोई दिक्कत नहीं : तहसीलदार
वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लल्लूराम.काम ने तहसीलदार नंदकिशोर सिन्हा का भी पक्ष लिया है. नंदकिशोर सिन्हा ने लल्लूराम.काम से कहा कि वीडियो देख लीजिए. कहीं कोई दिक्कत नहीं है. दिलीप चंद्रा के खिलाफ प्रकरण चल रहा है. उसने न्यायालय से दस्तावेज गायब किया है. वह अपराधी किस्म का व्यक्ति है. मैं चाहता हूं कि यह वीडियो सामने आए. मैं अंडरवियर बनियान पहनकर अपने कमरे में बैठा था. उसने वीडियो बनाकर मेरी निजता का हनन किया है. तहसीलदार ने कहा कि मेरे ड्राइवर ने दिलीप चंद्रा से 20 हजार रुपए की राशि उधार में ली थी, जिसे उसने वापस भी कर दिया है. उसने मैसेज भेजकर यह बताया भी है कि उसने यह रकम वापस कर दी है.
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