लंदन। दिवालिया हो चुके टेनिस लीजेंड बोरिस बेकर को लंदन की अदालत ने ढाई साल की सजा सुनाई है. वहीं छह बार के ग्रैंड स्लैम चैम्पियन ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी संपत्ति हासिल करने के लिए काम करने वाले ट्रस्टियों के साथ सहयोग किया था और विशेषज्ञ की सलाह पर काम किया था.

लंदन के साउथवार्क क्राउन कोर्ट की एक जूरी ने इस महीने बेकर को दिवालिया अधिनियम के तहत चार आरोपों में दोषी ठहराया था, जिसमें संपत्ति का हस्तांतरण, कर्ज छुपाना और संपत्ति का खुलासा करने में विफल रहने के दो मामले शामिल हैं.

बेकर ने जून 2017 में दिवालिया होने के बाद कुल नौ लोगों को 4,27,00 यूरो स्थानांतरित किए थे. जिसमें उनकी पूर्व पत्नी बारबरा और शर्ली “लिली” बेकर भी शामिल थी. उन्हें जर्मनी में एक संपत्ति घोषित करने में विफल रहने और एक तकनीकी फर्म में 825,000 यूरो बैंक ऋण और शेयरों को छिपाने का भी दोषी पाया गया.

54 वर्षीय बोरिस बेकर को 20 अन्य मामलों में बरी कर दिया गया है, जिसमें यह आरोप भी शामिल था कि वह अपने कई पुरस्कारों को सौंपने में विफल रहे, जिसमें दो विम्बलडन ट्रॉफियां और एक ओलंपिक स्वर्ण पदक शामिल हैं.

महज 17 साल की उम्र में वर्ष 1985 में विबंडन जीतकर टेनिस जगत में तहलका मचाने वाले बोरिस बेकर ने कुल 6 ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किए हैं. बोरिस 3 बार विम्बलडन, दो बार ऑस्ट्रेलियन ओपन और एक बार यूएस ओपन जीत चुके हैं.