शिवम मिश्रा. रायपुर. हां ये सच है… आतंकी फंडिंग का आरोपी राजू खान चंद दिनों पहला रायपुर आया था. यहां वो एक होटल में ठहरा, लेकिन ऐसा कुछ हुआ कि वो यहां से जल्द फरार हो गया.

इस आरोपी को पिछले दिनों रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और आज कोर्ट से उसे दो दिन की न्यायिक रिमांड में जेल भी भेज दिया गया है. इस पूरे मामले में अभी और कई खुलासे बाकी है. उम्मीद है कि चंद 3-4 और अन्य सहयोगियों को इसके गिरफ्तार किया जा सकता है.

पाकिस्तान से आतंकी फंडिंग मामले में 9 साल से फरार आरोपी राजू खान को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी राजू खान को आज जिला न्यायालय में पेश किया गया है. जहां से उसे 2 दिनों की न्यायिक रिमांड में केंद्रीय जेल दाखिल कराया गया है. आरोपी राजू खान को 10 तारीख को बिलासपुर स्थित NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा. इस पूरे मामले में आरोपी राजू खान के गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है.

पुलिस अब राजू खान के बैंक एकाउंट की हिस्ट्री समेत कई बिंदुओं पर जांच कर रही है. पाकिस्तान से राजू खान के खाते में कई बार आतंकी फंडिंग की रकम आई. इनमें सर्वाधिक एक बार में 15 लाख और 10 लाख की राशि भी कराची से डाले गए थे. रायपुर पुलिस के उच्च अधिकारी बताते है कि ये आरोपी अपना 10 प्रतिशत से अधिक का कमीशन काटकर सिमी के आतंकियों को ट्रांसफर कर देता था.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी राजू खान के खाते में करीब 50 लाख रुपये की फंडिंग की गई. फंडिंग के मामले में रायपुर पुलिस को यह जानकारी अब तक प्रारंभिक जानकारी मिली है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस को यह जानकारी राजू खान के खाते की जांच के बाद मिली है.

कैसे संपर्क में आया पाकिस्तान के आतंकियों के राजू खान ?

रायपुर पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है कि राजू खान आतंकियों के संपर्क में कैसे आया. जो जानकारी लल्लूराम डॉट को मिली है उसके मुताबिक राजू खान की शादी 1994 में श्रीनगर के करालपुर से हुई थी. आशंका है कि संभवतः यहां से ही उसके आतंकियों से कोई संपर्क हुआ है. हालांकि इसकी कोई भी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई.

रायपुर आया होटल में रूका और फिर…

जानकारी के मुताबिक आरोपी राजू खान पिछले दिनों रायपुर आया था. यहां वे एक होटल में रूका. लेकिन जैसे ही उसे ये भनक लगी कि सिमी के आतंकियों को कोर्ट से ब्लॉस्ट के मामले में सजा हुई है और उक्त मामले में रायपुर पुलिस ने भी उसे खोजना शुरू कर दिया है, इस भनक के बाद वे रायपुर से फरार हो गया. लेकिन रायपुर पुलिस की सतर्कता के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और उससे विस्तृत पूछताछ की गई. जिसके आधार पर आगे की जांच अभी जारी है.

ईडी ने 2018 में दिया था नोटिस:

मिली जानकारी के अनुसार आंतकी फंडिंग के मामले में आरोपित राजू खान को 2018 में रायपुर ईडी ने नोटिस दिया था. लेकिन ये अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि उक्त नोटिस का जवाब उसने दिया या नहीं.

ऐसे खुला था राज   

आतंकी फंडिंग का आरोपी राजू खान का मामला वर्ष 2013 में एक ठेले वाले से खुला था. जिला जमुई, बिहार निवासी धीरज साव रायपुर में अंडा-चिकन का ठेला लगाता था, जिसे गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने पाकिस्तान के एक आतंकी के संपर्क में रहने की जानकारी दी थी. वर्तमान में धीरज साव, जुबैर हुसैन, पप्पू मंडल एवं आयशा बानो रायपुर केंद्रीय जेल में 10 वर्ष की सजा काट रहे हैं. इसी मामले में फरार राजू खान के संबंध में जानकारी मिली कि उसका संबंध कश्मीर से है. इसके अलावा वह सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े जुबैर हुसैन और आयशा बानो से भी उसका संबंध है. वर्ष 2013 से जब धीरज और अन्य आरोपित पकड़े गए, तब से राजू पहचान छिपाकर अलग-अलग स्थानों में रहने लगा. पकड़े जाने के डर से वर्ष 2016 में दुर्गा स्टील प्लांट से सेवानिवृत्ति ले ली और फरार हो गया. रायपुर पुलिस जब उसे गिरफ्तार करने पहुंची तब वे ड्रायफ्रूट का व्यवसाय करते हुए मिला.

सूत्र बताते है कि ईडी की नोटिस के मामले में आरोपी कई बार दुर्गापुर पुलिस ने भी पूछताछ के लिए बुलाया गया. लेकिन आरोपी ने इतने शातिर तरीके से पुलिस की पूछताछ में कई बार गया, लेकिन पुलिस को ये भनक तक नहीं लगी कि पूरा मामला आतंकी फंडिंग का है. लेकिन जब रायपुर पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने पहुंची और दुर्गापुर पुलिस को पूरी जानकारी दी तो पुलिस के भी होश उड़ गए.

आरोपी इतना शातिर है कि उसने अपने आधा दर्जन से बैंक खातों की पूरी जानकारी दस्तावेज समेत नष्ट कर दिए है. हालांकि इस मामले में पुलिस कड़ी दर कड़ी सुराग एकत्र कर रही है.