Tesla Car Manufacturing Plant: एलन मस्क की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निर्माण कंपनी टेस्ला इंक गुजरात में अपना कार विनिर्माण संयंत्र बनाएगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक जनवरी 2024 में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है.

अहमदाबाद मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात में टेस्ला प्लांट लगाने की घोषणा कंपनी के सीईओ एलन मस्क की मौजूदगी में की जाएगी. भारत इस अमेरिकी ईवी कंपनी को अगले साल से देश में इलेक्ट्रिक वाहन आयात करने और दो साल की अवधि के भीतर एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की अनुमति देगा.

रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात की रणनीतिक स्थिति और कारोबारी माहौल ने इसे टेस्ला के विनिर्माण संयंत्र के लिए पसंदीदा स्थान बना दिया है. राज्य सरकार ने संयंत्र के स्थान के लिए साणंद, धोलेरा और बेचराजी को विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है। टेस्ला का लक्ष्य गुजरात संयंत्र से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय (पुन: निर्यात) दोनों मांग को पूरा करना है.

भारत के लिए टेस्ला की योजनाओं के बारे में खबरें काफी समय से चल रही हैं. इनमें से कई रिपोर्टों में अमेरिकी वाहन निर्माता द्वारा देश में टेस्ला के संचालन के लिए रियायतें देने और नियामक नियमों को कम करने की मांग का खुलासा हुआ है.

इस बीच, शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने पिछले महीने बिजनेस टुडे को बताया कि टेस्ला को लगभग 15-20% के रियायती आयात शुल्क पर पूरी तरह से निर्मित कारों को आयात करने की अनुमति दी जा सकती है, जो ऐसे आयात पर लागू होती है. वर्तमान 100% से बहुत कम.

यह टेस्ला द्वारा भारत में विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने पर निर्भर करेगा. अधिकारियों ने कहा था कि अगर टेस्ला शर्त पूरी करने में विफल रहती है, तो भारत कंपनी से संपूर्ण शुल्क लाभ वसूलने के लिए कदम उठाएगा.

टाटा मोटर्स और एमएंडएम जैसे भारतीय ईवी निर्माताओं ने सवाल उठाया कि टेस्ला को कोई विशेष उपचार क्यों दिया जाना चाहिए. मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और एमजी जैसी अन्य ऑटो कंपनियों के पास पहले से ही गुजरात में विनिर्माण संयंत्र हैं.

हाल ही में एलन मस्क ने भी कहा था कि वह अगले साल भारत आने की योजना बना रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि टेस्ला भारत में नए प्लांट के लिए शुरुआत में करीब 2 अरब डॉलर यानी करीब 16,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है.

उनकी भारत से 15 अरब डॉलर यानी करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये तक के ऑटो पार्ट्स खरीदने की भी योजना है. कंपनी लागत कम करने के लिए भारत में कुछ बैटरियां बनाने पर विचार कर रही है.