नई द‍िल्‍ली। ‘करंट बॉयोलॉजी’ मैगजीन में छपी एक रिसर्च ने लोगों को हैरान कर दिया है. ये रिसर्च मच्छरों के बारे में है. जाहिर है मच्छर का नाम कोई भी नहीं सुनना चाहता, क्योंकि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया समेत कई गंभीर रोगों की वजह मच्छर होते हैं. लेकिन ये भी सच है कि हमारे देश में मच्छर बहुतायत में पाए जाते हैं.

रिसर्च कहता है कि मच्छरों की याददाश्त बेहद तेज होती है. यहां तक कि वे तेज़ी से सीख सकते हैं, गंभ को भी याद रखते हैं. मैगजीन में छपी रिसर्च के मुताबिक, डोपामाइन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

वहीं रिसर्च के मुताबिक, जिन लोगों का खून मीठा होता है, उसे मच्छर ज्यादा काटते हैं. मच्छर उन लोगों से दूर भागते हैं, जो उन्‍हें मारते हैं या मारने की कोश‍िश करते हैं. मच्छर अपनी सभी जानकारियों का इस्तेमाल दूसरे उद्दीपकों के साथ विशेष कशेरूकी पोषक जातियों और निश्चित आबादी में करते हैं.

मच्छर गंध को भी पहचानते हैं. यहां तक कि वे अच्छी गंध वाले लोगों के प्रति आकर्षित होते हैं, जबकि गंदी गंध से दूर भागते हैं. अमेरिका के वर्जीनिया टेक के शोध के सहायक प्रोफेसर चोल लाहोंड्रे के मुताबिक, मच्छर गंध पहचानते हैं और उन्हें लेकर ज्यादा रक्षात्मक रहने वालों से बचते हैं.