नई दिल्ली। WhatsApp की 15 मई से लागू हो चुकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर बवाल मचा हुआ है. अब केंद्र सरकार ने WhatsApp को अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी वापस लेने का निर्देश दिया है. लोकप्रिय चैटिंग एप WhatsApp पर आरोप लग रहा है कि वो जबरन भारतीय यूजर्स पर पॉलिसी थोप रही है, जबकि यूरोप में उसकी ऐसी कोई पॉलिसी नहीं है.

7 दिन के अंदर मांगा जवाब 

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 18 मई को WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर एक नोटिस भेजा है. इसमें कहा गया है कि प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव गोपनीयता और डाटा सुरक्षा के मूल्यों को कमजोर करते हैं, साथ ही भारतीय नागरिकों के अधिकारों और हितों को नुकसान पहुंचाते हैं. IT मंत्रालय ने WhatsApp को 7 दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है, नहीं तो कानून के मुताबिक उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, यूरोप और भारत में WhatsApp यूजर्स के लिए पॉलिसी अलग अलग है. भारत सरकार ने इसे भारतीय यूजर्स के साथ भेदभाव बताया है. भारत सरकार का कहना है कि WhatsApp की पॉलिसी गैर-जिम्मेदाराना है, WhatsApp अपनी पहुंच का फायदा उठा रहा है, और भारतीय यूजर्स पर गलत शर्तें थोप रहा है.

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कोर्ट में चल रहा है मामला

बता दें कि WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में कई याचिकाएं भी दाखिल की गई हैं. इसी मामले पर केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट को सुनवाई के दौरान कहा कि WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी भारतीय IT कानून और नियमों का उल्लंघन करती है. केंद्र की दलील है कि WhatsApp अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी में भारतीय और यूरोपीय यूजर्स में फर्क कर रहा है. इस मामले पर अगली सुनवाई अब 3 जून को होगी.

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भारत सरकार के आरोपों और कड़ाई पर वॉट्सएप ने नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट में कहा कि उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी भारतीय IT कानून और नियमों का पूरी तरह पालन करती है. ये पॉलिसी 15 मई से लागू भी कर दी है. WhatsApp ने कोर्ट को बताया कि अगर कोई यूजर उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करेगा तो वो उसका अकाउंट डिलीट नहीं होगा, बल्कि वो ऐसे यूजर्स को अपनी इस नई पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.