रायपुर. लोकतंत्र में तंत्र-मंत्र का इन दिनों जमकर बोलबाला है. बुराड़ी कांड ने तो समूचे देश को झकझोर दिया है. इधर पिछले दिनों टेटकू बाबा उर्फ़ रामलाल कश्यप रमन सिंह को चौथी बार सत्ता सौंपने विधानसभा में टोना-टोटका करते नजर आये थे. गृहमंत्री के कंबल वाले बाबा से शुगर का इलाज तो लगातार सुर्ख़ियों में रह चुका है. अब श्रम मंत्री भैय्यालाल राजवाड़े का हाथी के लिए हवन सुर्खियाँ बटोर रहा है.

मामले में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को सफाई देना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री ने आज मीडियाकर्मियों से कहा कि मंत्री भैयालाल राजवाड़े पानी के लिए हवन कर रहे हैं. वे ये हवन हाथी के लिए नहीं कर रहे हैं. विरोधाभास तो तब लगता है जब लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में स्वयं मंत्री भैयालाल राजवाड़े कहते हैं कि पंडित जी आ गए बोले कि हवन करते हैं. हाथी भी गणेश भगवान है. भगवान की तरह ही हाथियों को पूजा जाता है, तो हवन करने में क्या बुरा है.

प्रशासन तो लगा ही हुआ है रोकथाम करने के लिए. हाथियों के आतंक से बचने के लिए तमाम प्रयास चल रहे हैं. लेकिन वह भी इष्ट देवता है, हवन करने में क्या दिक्कत है. हमने कुछ गलत नहीं किया है. हाथियों के आतंक को कम करने के लिए हर तरीके अपनाना चाहिए. तंत्र-मंत्र में कौन सा खर्चा लगता है, कोई दिक्कत नहीं है ये सब करने में. कोई बुराई नहीं है. हवन-पूजा का असर होगा, तो होगा और नहीं होगा, तो नहीं होगा. क्या हमने किसी का कुछ लूट लिया क्या? बात का बतंगड़ बना रहे हैं. आखिर क्यों गणेश भगवान की ढोल मजीरा बजाकर पूजा की जाती है.