किसानों के बीच अनानास की खेती करने का चलन अभी ज्यादा नहीं है. हालांकि, किसान भाई अनानास की खेती से बढ़िया मुनाफा हासिल कर रहे हैं. अनानास की खेती के साथ सबसे अच्छी बात ये है कि इसे साल में कई बार किया जा सकता है. किसानों के पास इससे मुनाफा कमाने का अवसर भी अन्य फलों की फसलों के मुकाबले ज्यादा रहता है. विशेषज्ञों के अनुसार इसे गर्म मौसम की फसल माना जाता है. हालांकि, इसकी खेती साल में कभी भी की जा सकती है. अनानास की बुवाई से लेकर फल पकने तक लगभग 18 से 20 महीने लग जाते है. फल पकने पर उसका रंग लाल-पीला होना शुरू हो जाता है. जिसके बाद इसकी तुड़ाई की प्रकिया की शुरुआत हो जाती है.


अंतरवर्तीय फसल के रूप में भी कर सकते अनानास की खेती
इन दिनों की खेती छत्तीसगढ़ के किसान भी कर रहे हैं. ऐसे में किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए,ताकि फसल की अच्छी पैदावार हो सके. छत्तीसगढ़ के किसान अनानास की खेती अंतरवर्तीय फसल के रूप में भी कर सकते हैं. किसान अनानास की खेती आम, अमरूद और नींबू जैसे बड़े उद्यानों में भी कर सकते हैं. किसानों के लिए छत्तीसगढ़ का मौसम अनानास उगाने के लिए उपयुक्त है. भारत के नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में किसान अनानास की खेती भरपूर मात्रा में करते हैं. लेकिन अब छत्तीसगढ़ के किसानों ने भी अपनी मेहनत से अनानास की खेती की है.


वैज्ञानिकों की सलाह
कृषि वैज्ञानिको के मुताबिक किसान अनानास की खेती छत्तीसगढ़ में अच्छे से कर सकते हैं. अनानास की खेती के लिए तीन विधियां हैं. जिसमें स्लिप के माध्यम से, शकर के माध्यम से और क्राउन के माध्यम से भी अनानास की खेती की जा सकती है. नॉर्थ ईस्ट और सिलीगुड़ी से पौध मंगाकर भी अनानास की खेती की जा सकती है. अनानास 12 वें महीने से लेकर 14 वें महीने तक उत्पादन देना शुरु कर देता है. अनानास की एक सबसे बड़ी खासियत होती है इसमें एंजाइम पाया जाता है जो पेट जनित बीमारियों के लिए काफी फायदेमंद है.


अनानास की खेती में किन बातों का रखें ध्यान
अनानास की खेती करते समय किसानों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा.जैसे जहां पर पानी ना रुके उन जगहों पर अनानास लगाएं. इसके साथ ही ऐसे जमीन का चयन करना है, जहां पर फफूंद जनित बीमारियां न हो. जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन नहीं है वो जून-जुलाई माह में खेती कर सकते हैं.