रमेश सिन्हा, पिथौरा. राज्य सरकार हर जगह शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती है. करोड़ों रुपए सरकार द्वारा स्कूल भवन बनाने के लिए दिए जाते हैं. पर भ्रष्ट ठेकेदार के द्वारा निम्न स्तर के काम कर स्कूल भवन का निर्माण कर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार कर अधिकारियों से मिली भगत करके राशि का आहरण कर लेते हैं. इसी वजह से पिथौरा ब्लॉक के करीब 32 स्कूल अति जर्जर हो चुके हैं. वहीं ब्लॉक के किशनपुर और डूमरपाली स्कूल विहीन हैं. जर्जर स्कूल पर शिक्षा विभाग को किसी बड़े अनहोनी होने का इंतजार है. जर्जर स्कूल डिस्मेन्टल करने का आदेश देने के बावजूद नहीं तोड़ा जा रहा है.

बता दें कि, पिथौरा ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला डिपोपारा लहरौद और किशनपुर के शासकीय प्राथमिक शाला और पूर्व माध्यमिक शाला मे स्कूल काफी हद तक जर्जर नजर आ रही है. जिससे कभी भी अनहोनी होने का खतरा छात्रों और शिक्षकों पर मंडरा रहा है. स्कूल में काफी हद तक स्कूल की छत जर्जर है. मजबूर पालक अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए स्कूल भेजने पर मजबूर हैं.

इसी तरह पिथौरा ब्लॉक के किशनपुर में शासकीय प्राथमिक शाला और पूर्व माध्यमिक शाला में अलग-अलग पाली में छात्रों को बिठाया जा रहा है. सुबह अलग कक्षा लगाई जा रही है. दोपहर को अलग कक्षा लगाई जा रहा है. लेंटर से पानी टपक रहा है. बरसात में छत से पानी टपकने के कारण शिक्षकों का साफ तौर पर कहना है. इसके बारे में शिक्षा विभाग को कई बार लेटर दिया जा चुका है. लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है. नौनिहाल बच्चे जर्जर स्कूल में पढ़ने पर मजबूर हैं.