सुनील शर्मा, भिंड। जिले में चंबल और सिंध नदियों के जरिए आई तबाही का मंजर बाढ़ गुजरने के बाद दिखाई दे रहा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में हर जगह दर्द और सन्नाटा पसरा हुआ है। इसी पसरे सन्नाटे में छात्र-छात्राओं का भी भविष्य बाढ़ की तबाही से अछूता नहीं रहा। बाढ़ के पानी में डूबकर कई शासकीय स्कूलों में रखे रिकॉर्ड नष्ट हो चुके हैं, जिनमें छात्र-छात्राओं के भविष्य से जुड़े दस्तावेज थे।

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दरअसल, बाढ़ प्रभावित इलाकों में बने शासकीय स्कूल भी बाढ़ की चपेट में आ जाने से स्कूलों का रिकॉर्ड और छात्र-छात्राओं के जरूरी दस्तावेज या तो बह गए या पन्नों पर पानी फिर गया। हायर सेकेंडरी हाई स्कूल मिडिल और प्राइमरी सहित जिले में करीब 76 शासकीय स्कूल बाढ़ से प्रभावित होने की बात जिला शिक्षा विभाग स्वीकर कर रहा है। बाढ़ में जो स्कूल पूरी तरह से डूब गए थे, उनमें रखा रिकॉर्ड भी नष्ट हो चुका है। बीती 4 अगस्त को इंदुरखी गांव में सिंधु नदी ने तबाही मचाई थी। इसके चलते बाढ़ का पानी समूचे गांव के एक मंजिल मकान तक डूब गए थे। इसी बाढ़ में इंदुरखी गांव का शासकीय स्कूल भी डूब गया था, जिसमें रखें महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ छात्रों का रिकॉर्ड भी बर्बाद हो गया था।

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पुस्तकें, भर्ती रजिस्टर, मार्कशीट, रिजल्ट शीट, बाढ़ की भेंट चढ़ गए, बाढ़ का पानी निकल जाने के बाद जब स्कूल में जाकर शिक्षकों ने कमरों को खोल करके दस्तावेज खंगाले तो सभी दस्तावेज पानी में डूब जाने के कारण बर्बाद हो चुकी थे। जिला शिक्षा विभाग बर्बाद हुए दस्तावेजों की भरपाई के लिए बचाओ दस्तावेजों को सुखाने के साथ-साथ ऑनलाइन सर्चिंग, जिन स्कूलों छात्र आए थे, उनसे रिकॉर्ड मंगवा कर और बच्चों के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के आधार पर अब नया रिकॉर्ड तैयार करने की मशक्कत जिला शिक्षा विभाग शुरू कर रहा है।

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