रायपुर। लॉकडाउन के दौरान राज्य एवं राज्य से बाहर फंसे हुए 2 लाख 79 हजार से अधिक जरूरतमंद श्रमिकों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया के निर्देश पर तत्काल राहत पहुंचाई गई है.

लॉकडाउन के दौरान देश के 21 राज्यों और 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में छत्तीसगढ़ के एक लाख 8315 प्रवासी श्रमिक होने की सूचना मिली है, उनके द्वारा बताई गई समस्याओं का त्वरित निदान करते हुए उनके लिए भोजन, राशन, नगद, नियोजकों से वेतन तथा रहने एवं चिकित्सा आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई. इसके साथ ही श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर राशन एवं नगद आदि की व्यवस्था भी की जा रही है.

इस कड़ी में 1993 श्रमिकों को 3 करोड़ 28 लाख 9997 रुपए बकाया वेतन का भुगतान कराया, वहीं विभिन्न औद्योगिक संस्थानों-कारखानों के श्रमिकों से प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए परीक्षण पश्चात 1065 श्रमिकों को एक करोड़ 25 लाख 20,835 रुपए का भी बकाया वेतन भुगतान कराया गया है.

इसके साथ ही रायपुर जिले में स्थित विभिन्न औद्योगिक संस्थानों-कारखानों के नियोजकों, प्रबंधकों से समन्वय कर 12,854 कर्मचारियों-श्रमिकों को 14 करोड़ 7 लाख 72,594 रुपए का वेतन भुगतान कराया गया है. लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 67,157 श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है. वहीं छोटे-बड़े 693 कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया हैं.

श्रम विभाग के सचिव एवं नोडल अधिकारी सोनमणि बोरा के मार्गदर्शन में राज्य एवं राज्य के बाहर फंसे जरूरतमंद श्रमिकों को श्रम विभाग के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन द्वारा अन्य राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों, नियोक्ताओं, प्रबंधकों एवं संबंधित श्रमिकों से समन्वय कर भोजन, रहने-खाने, चिकित्सा सहित अन्य आवश्यकताओं और समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि राज्य स्तर पर 24×7 हेल्पलाइन (0771-2443809), (91098-49992), (75878-22800) स्थापित किया गया है. इसी प्रकार समस्त 27 जिलों में भी हेल्पलाइन नम्बर स्थापित किये गये हैं.