हेमंत शर्मा,रायपुर. छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले है. इसी चुनाव के मद्देनजर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने चुनाव आयोग से छत्तीसगढ़ में निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में पिछले चुनावों में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और मनमानी की कई शिकायतें आयीं थी. प्रदेश के विभिन्न संगठनों ने भी राज्य में विशेषकर बस्तर क्षेत्र में हुई गड़बड़ी की बात कही थी. 2018 के चुनाव को सर्व भागीदारी और निष्पक्षता के साथ कराए जाने की मांग करते हुए जनता कांग्रेस के प्रमुख अजीत जोगी अपनी  सात मांगों को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू को ज्ञापन सौंपा है.

देश के विख्यात समाचार पत्रों एवं रिपोर्टों के अनुसार पिछले विधानसभा चुनावों में मतदान के दौरान, बस्तर क्षेत्र में जमकर धांधली की शिकायतें आयी थी. भय का वातावरण बनाकर वोटों को प्रभावित किया गया. जनता कांग्रेस ने कहा कि बस्तर की सत्य घटनाओं पर आधारित न्यूटन जैसी फिल्मों ने पूरी दुनिया को बस्तर की अलोकतांत्रिक मतदान प्रक्रिया का सच दिखाया है. 2018 चुनाव में बिना किसी भय और दबाव के बहुसंख्या में लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करें, इस लिए जनता कांग्रेस छतीसगढ़ (जे) यह मांग कर रही है कि चुनाव आयोग बस्तर के सभी पोलिंग बूथ और समस्त अतिसंवेदनशील पोलिंग बूथों में मतदान के दौरान की वीडियो रिकॉर्डिंग बनाए. इनका कहना है कि चुनाव आयोग के जनहितकारी निर्णयों से देश का संविधान, लोकतंत्र और मजबूत होगा.

ये है प्रमुख मांगे…

– छत्तीसगढ़ में सरकार स्वयं शराब की ठेकेदारी कर रही है और दुकानें चला रही है. सत्ताधारी दल इसका दुरुपयोग कर मतदाताओं को प्रभावित करेगा. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) यह मांग करती है कि चुनाव आयोग छत्तीसगढ़ सरकार को मतदान के एक माह पूर्व प्रदेश की सभी शराब दुकानों को बंद करने निर्देशित करे या फिर प्रदेश की सारी शराब दुकानों को अपने अधीन लेकर संचालित करे और राज्य में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करे.

– राज्य सरकार मतदाताओं को प्रलोभन देने के उद्देश्य से सरकारी ख़ज़ाने से 2000 करोड़ ख़र्च करके 51 लाख मोबाइल स्मॉर्ट फ़ोन, ठीक चुनाव के पहले बाटने जा रही है. इस फ़ोन में ऐसे प्री-लोडेड सॉफ्टवेर है, जिससे मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रभावित भी किया जाएगा. इस लिए मोबाइल फ़ोन वितरण पर तत्काल रोक लगायी जाए.

– छत्तीसगढ़ की अधिकांश आबादी अभी कृषि कार्य में व्यस्त है, ऐसे में मतदाता सूची में नाम जोड़ने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से 15 सिंतबर तक बढ़ाई जाए.

-एक ही स्थान पर, दो वर्षों का कार्यकाल पूरा कर चुके, प्रदेश अधिकारियों एवं चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने वाले समस्त शासकीय कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाए.

– बस्तर में मतदान, चुनाव आयोग के अन्य राज्यों से प्रतिनियुक्त केंद्रीय पर्यवेक्षकों की देख रेख में हो न कि राज्य सेवा में पदस्थ अधिकारियों के निगरानी में.

-छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में चुनाव कराया जाए. पहले चरण में बस्तर संभाग, दूसरे चरण में सरगुज़ा संभाग और एवं तीसरे चरण में शेष छत्तीसगढ़.

– चुनाव आयोग बस्तर के सभी पोलिंग बूथ और समस्त अतिसंवेदनशील पोलिंग बूथों में मतदान के दौरान की वीडियो रिकॉर्डिंग बनाए.