थाईलैंड के इमीग्रेशन अधिकारियों ने लूथरा बंधुओं की गिरफ्तारी के बाद डिपोर्टेशन की कार्रवाई शुरू कर दी है। दोनों भाइयों के खिलाफ इंटरपोल की ओर से ब्लू नोटिस जारी किया गया था। भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने आपराधिक जांच के संबंध में अतिरिक्त जानकारी के लिए यह पहल की थी। अधिकारियों के अनुसार, लूथरा बंधुओं को थाई इमीग्रेशन एक्ट की धारा 12(7) के तहत गिरफ्तार किया गया। इसके बाद, फुकेत इमीग्रेशन के अधिकारियों ने थाईलैंड में उनके ठहरने की वीजा इजाजत को रद्द कर दिया, जिससे उनका कानूनी अधिकार समाप्त हो गया।

लूथरा बंधु अब बैंकॉक स्थित सुआन फ्लू इमीग्रेशन डिटेंशन सेंटर (IDC) में शिफ्ट कर दिए गए हैं, जहां वे हिरासत में हैं। थाई अधिकारियों के अनुसार, उनके निर्वासन की प्रक्रिया अब चल रही है। हालांकि तारीख, समय और उन्हें वापस भेजने वाली फ्लाइट की अंतिम पुष्टि कमांडर अधिकारी की मंजूरी के अधीन है। भारत सरकार के अधिकारी अपने थाई समकक्षों के साथ निरंतर संपर्क में हैं ताकि प्रत्यर्पण की आवश्यक व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा सके।

भारत-थाईलैंड के बीच 2015 से लागू प्रत्यर्पण संधि

लूथरा भाईयों ने 6 दिसंबर को अपने क्लब में आग लगने की सुबह फुकेत के लिए उड़ान भरी थी, जिस घटना में 25 लोगों की जान गई थी। गोवा पुलिस भी केंद्रीय एजेंसियों के साथ लगातार सहयोग में है। थाई पुलिस ने भाइयों को फुकेत के एक रिसॉर्ट से गुरुवार को हिरासत में लिया था, जब भारत ने उनके पासपोर्ट निलंबित करने की कार्रवाई की थी। थाई अधिकारियों के अनुसार, भारतीय कानून प्रवर्तन टीम भी भाइयों की वापसी की औपचारिकताओं का समन्वय कर रही है। यह दोनों देशों के बीच 2015 से लागू प्रत्यर्पण संधि के तहत संभव है। उन्होंने जोर दिया कि दोनों देशों के बीच सहयोग जारी रहने के दौरान उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।