विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पाकिस्तान की गुप्त परमाणु गतिविधियों को उसके इतिहास के अनुरूप ही हैं. विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान और अबू धाबी में हिरासत में लिए गए भारतीय नागरिक से संबंधित अपडेट भी दिए. MEA के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान की गुप्त और गैरकानूनी परमाणु गतिविधियों पर भारत की पुरानी चिंता को दोहराया.
बता दें कि, अमेरिका के राष्ट्रपति ने दावा किया था की पाकिस्तान चोरी छुपे जमीन के अंदर परमाणु परीक्षण कर रहा है. जिसकी वजह से अफगानिस्तान में भूकंप के झटके भी महसूस किए गए. ट्रंप के इस दावे से हड़कंप मच गया. हालांकि, पाकिस्तान ने इसे सिरे से खारिज भी कर दिया.
गैरकानूनी परमाणु गतिविधियां पाकिस्तान का पुराना इतिहास
रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘पाकिस्तान की गुप्त और गैरकानूनी परमाणु गतिविधियां उसके पुराने इतिहास से मेल खाती हैं, जो कि दशकों की तस्करी, निर्यात नियंत्रण के उल्लंघन, गुप्त साझेदारियां, ए.क्यू. खान नेटवर्क और परमाणु प्रसार का और बढ़ना पर आधारित रहा है. भारत ने पाकिस्तान के रिकॉर्ड के इन पहलुओं पर हमेशा दुनिया का ध्यान आकर्षित करवाया है.’ MEA ने यह भी पुष्टि की कि भारत ने राष्ट्रपति ट्रंप की पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण से जुड़ी टिप्पणी को संज्ञान में लिया है, जो इसी पृष्ठभूमि पर आधारित है.
क्या था ट्रंप का बयान
अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हाल ही में एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने एक बड़ा खुलासा कर दिया। ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) परमाणु हथियारों की टेस्टिंग (Nuclear Weapons Testing) कर रहा है और इस बारे में किसी को बता भी नहीं रहा। ट्रंप ने दावा किया कि पाकिस्तान, नॉर्थ कोरिया (North Korea), चीन (China) और रूस (Russia) जैसे देश धरती के अंदर काफी गहराई में परमाणु हथियारों की टेस्टिंग करते हैं जहाँ किसी को पता नहीं चलता, बस हल्की कंपन महसूस होती है। ट्रंप के इस दावे पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है।
ट्रंप के दावे को पाकिस्तान ने झुठलाया
ट्रंप के दावे को पाकिस्तान ने झुठला दिया है। पाकिस्तान के एक अधिकारी ने इस मामले में बात करते हुए एक टीवी चैनल पर दिए इंटरव्यू में कहा, “पाकिस्तान परमाणु हथियारों की टेस्टिंग करने वाला पहला देश नहीं था और परमाणु हथियारों की टेस्टिंग फिर शुरू करने वाला भी पहला देश नहीं होगा।”
चीन ने भी ट्रंप के दावे को नकारा
पाकिस्तान के साथ चीन ने भी ट्रंप के दावे को नकार दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग (Mao Ning) ने इस बारे में कहा, “परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल न करने की नीति पर चीन कायम है। चीन की परमाणु नीति पूरी तरह से आत्मरक्षा पर आधारित है और चीन परमाणु टेस्टिंग को बैन रखने वाले समझौते की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करने और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु निरस्त्रीकरण और अप्रसार संधि की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
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